देहरादून। संत निरंकारी भवन रेस्ट कैंप में प्रवचन करते हुए ज्ञान प्रचारक रविन्द्र बडोनी ने कहा कि 18 से 20 नवंबर तक 70वें निरंकारी संत समागम का आयोजन किया जाएगा। जिसमें अनेकता में एकता की झलक दिखाई देगी। जहां हर प्रान्त-भाषा, वेशभूषा, रहन-सहन, खान-पान जाति, मजहब से उठकर मानवीय गुणों का ये सरोवर ज्ञान रूपी गंगा में मन का स्नान करते हैं। एक को जानो, एक को मानो, एक हो जाओ के भाव से भक्ति करते हैं। उन्होंने कहा कि भक्त भक्ति भरा जीवन जीने के लिये हमेशा उत्साहित रहते हैं। सत्संग भक्ति का महत्वपूर्ण अंग और इसके प्रति उत्साहित रहते हैं। निरंकारी संत समागम में भक्त, प्रेम, सहनशीलता, सब्र-सन्तोष वाले गुणों से युक्त होते हैं। प्रेम की अभिव्यक्ति अपने व्यवहार से करते हैं। वसुधैव कुटुम्बकम की अवधारणा को साकार करने पर बल देते हुए कहा कि सारी वसुधा पर बसने वाले एक ही परिवार का अंग है। संतों की दृष्टि सम दृष्टि होती है। इसलिए उन्होंने प्यार ही बांटा है।