रुड़की। कांवड़ मेले में अब अनोखी कांवड़ें भी जोश भरने लगी हैं। भगवान शिव, पार्वती और गणोश की विशाल प्रतिमाओं से सजी कांवड़े लोगों को अपनी ओर खींच रही हैं तो इन पर नृत्य करते कलाकार आस्था पथ पर दौड़ते पैदल कांवड़ियों में भी जोश भर रहे हैं। हाईवे पर दिनभर आस्था का मनमोहक नजारा बना रहा। बड़ी कांवड़ों पर बजते भजनों पर थिरकते हुए आगे बढ़ती कलाकारों की टोलियों को देखने के लिए हाईवे पर दिनभर लोगों की भीड़ जुटी रही। आस्था के साथ ही शिवभक्त मेले में देशभक्ति का भी संदेश देने में लगे रहे। मेले के जोर पकड़ते ही आस्था पथ पर भक्ति के अंदाज भी निराले हो चले हैं। सड़कों पर नंगे पांव दौड़ते कांवड़िए अपनी अटूट आस्था से लोगों को हैरान कर रहे हैं तो वहीं आकर्षक झांकियों से सजी बड़ी कांवड़ें भी आस्था पथ पर अपनी छाप छोड़ने में लगी हैं। सैनिकों की वर्दी धारण कर तिरंगे के साथ आगे बढ़ती शिवभक्तों की टोलियां भक्ति के साथ ही देशभक्ति का संदेश दे रही हैं। क्षेत्र में सुबह से बड़ी कांवड़ो का चलन शुरू हो गया था। पहले दिन हाईवे से कई बड़ी कांवड़ें शिवालय को पहुंचीं। आकर्षक झांकियों के साथ ही कलाकारों से सजी कांवड़े मेले में धूम मचाने में लगी रही। इनमें गाजियाबाद, दिल्ली की कांवड़ें सबसे ज्यादा आकर्षण का केंद्र बनी रहीं। पहली बार शिवालय को पहुंच रही गाजियाबाद के कांवड़ियों की टोलियां हर किसी को अपनी ओर खींचने में लगी रहीं। सैनिकों के वेश में सजे कांवड़िए बम-बम के जयकारों के साथ भारतमाता के जयकारों के साथ कदम आगे बढ़ाते रहे। कलाकारों से सजी दिल्ली की कांवड़ भी हाईवे पर खूब धूम मचाने में लगी रही। राधा-कृष्ण के वेश में सजे कलाकार अपने नृत्य से पैदल कांवड़ियों के साथ ही स्थानीय लोगों में भी भक्ति को जोश भरने में लगे रहे। कांवड़ियों रमेश, सुनील, हैप्पी, प्रवीण, आशू, शुभम आदि ने बताया कि वैसे तो वे कई सालों से कांवड़ ले जा रहे है, लेकिन इस बार मेले में दौड़ रहे पैदल कांवड़ियों को खींचने के लिए उन्होने बड़ी कांवड़ उठा ली है। इसमें राधा, कृष्ण, गणोश, शिव, पार्वती जैसे कलाकार नृत्य से आस्था पथ पर पैदल कांवड़ियों में जोश भर रहे हैं।