देहरादून। सरकारी विद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों को गर्मियों की छुट्टियां खत्म होने के बाद ड्रेस कोड लागू करना होगा। प्रभारी शिक्षा सचिव चंद्रशेखर भट्ट ने प्राथमिक से लेकर माध्यमिक शिक्षकों के संगठनों और प्रधानाचार्य एसोसिएशन के प्रतिनिधियों से ड्रेस कोड को लेकर वार्ता की। सचिव के मुताबिक सभी शिक्षक संगठनों ने ड्रेस कोड पर सहमति जताई। उन्होंने कहा कि शिक्षक प्रतिनिधि ड्रेस खुद तय कर सकते हैं या इस संबंध में सुझाव दे सकते हैं।
शिक्षा मंत्री अरविंद पांडेय के शिक्षा महकमे में ड्रेस कोड लागू किए जाने के निर्देशों को अमल में लाने में शासन जुट गया है। इस सिलसिले में प्रभारी शिक्षा सचिव चंद्रशेखर भट्ट ने शिक्षक संगठनों के प्रतिनिधियों से वार्ता की। वार्ता में शिक्षक संगठनों ने कहा कि शिक्षकों की लंबित मांगें पूरी होने या शिक्षकों को भत्ता देने पर ही ड्रेस कोड लागू किया जाएगा। स्कूल के आठ किमी के दायरे में शिक्षकों के निवास करने के मामले में उन्होंने कहा कि दुर्गम क्षेत्रों में शिक्षकों के लिए आवासीय व्यवस्था होनी चाहिए। हाल ही में गठित शिकायत एवं सुझाव प्रकोष्ठ को भंग करने को लेकर शिक्षक संघ के प्रस्ताव पर सहमति बनी।यह भी तय हुआ कि स्कूलों का दुर्गम-सुगम श्रेणी में चिह्नीकरण व्यवहारिकता के आधार पर होगा। बेसिक से पदोन्नत होकर एलटी बनने वाले शिक्षकों को पूर्व सेवा लाभ, तदर्थ विनियमित शिक्षकों को चयन वेतनमान, शिक्षकों को एसीपी का लाभ समेत तमाम मांगों पर प्रभारी सचिव ने समुचित कार्रवाई का भरोसा दिया। उन्होंने कहा कि वित्त व कार्मिक से संबंधित मांगों पर शिक्षा महकमा मजबूत पैरवी करेगा। पिछले शैक्षिक सत्र में स्थानांतरित शिक्षकों की कार्यमुक्ति, सातवें वेतनमान की विसंगतियों की मांगों पर मंथन किया गया।राजकीय प्रधानाचार्य एसोसिएशन ने भी ड्रेस कोड पर सहमति जताई। शिक्षा सचिव ने इंटर कॉलेजों में 250 प्रधानाचार्यो के रिक्त पदों पर पदोन्नति की कार्यवाही के लिए पत्रावली प्रस्तुत करने के निर्देश माध्यमिक शिक्षा उप सचिव को दिए। पदोन्नत न होने पर दीर्घकाल से कार्यरत प्रधानाचार्यो को चयन वेतनमान और वित्तीय स्तरोन्नयन का लाभ देने की पैरवी की। सचिव ने उक्त मांगों पर समुचित कार्यवाही का भरोसा दिया। शिक्षा सचिव चंद्रशेखर भट्ट ने कहा कि ड्रेस कोड को लेकर शिक्षकों व प्रधानाचार्यो ने सहमति जताई है। उन्होंने कहा कि ड्रेस कोड लागू करने में सहयोग करने वाले संगठनों की मांगों पर समुचित कार्यवाही की जाएगी।