गैरसैंण। वित्त मंत्री प्रकाश पंत ने गुरुवार को उत्तराखंड के लिए गैरसैंण विधानसभा में वर्ष 2018-19 का 45,585 करोड़ का बजट पेश किया। जो कि पिछले वर्ष से 14.08 फीसदी अधिक है।
त्रिवेंद्र सरकार ने अपने कार्यकाल का दूसरा बजट आज गैंरसैंण विधानसभा सत्र में पेश किया। बीते वित्तीय वर्ष 2017-18 में त्रिवेंद्र सरकार ने 39957.20 करोड़ का बजट पेश किया था। बजट पेश करते समय वित्त मंत्री प्रकाश पंत ने कहा कि एक विकसित, स्वस्थ, उन्नत उत्तराखण्ड की संकल्पना साकार करने की दृष्टि से सरकार ने आगामी वर्षों हेतु अनेक प्रतिबद्धताएँ भी निश्चित की हैं। 2020 तक राज्य की सभी योजना में डी0बी0टी0 लागू करना, पाँच हजार होम स्टे का निर्माण, एक लाख युवाओं को स्किल्ड बनाना, 200 स्टार्टअप प्रारम्भ करना, सभी 13 जनपदों में ट्रॉमासेंटर, ब्लड बैंक व आई0सी0यू0 की स्थापना, संस्थागत प्रसव बढ़ाकर 90 प्रतिशत तक लाना, प्रत्येक घर में बिजली, प्रत्येक परिवार को गैंस ईंधन, राज्य के समस्त नागरिकों का स्वास्थ्य बीमा, एक लाख परिवारों को आवासीय सुविधा, सेवा क्षेत्र में एक लाख व्यक्तियों को रोजगार, 250 से अधिक आबादी के गाँवों में सड़क संयोजिता, एवं शत प्रतिशत साक्षरता आदि इसमें सम्मिलित हैं।
बजट में खास…
– वित्तीय वर्ष 2018-19 में कुल बजट का 31.55 प्रतिशत खर्च वेतन भत्ते मजदूरी में होगा खर्च।
– वित्तीय वर्ष 2018 -19 के कुल बजट का 10.67 प्रतिशत ब्याज में होगा खर्च।
-प्रदेश में ऑर्गेनिक हर्बल स्टेट के लिए 1500 करोड़ के बजट का प्रावधान।
– विधान सभा सचिवालय में ई-विधान सभा की स्थापना हेतु धनराशि की व्यवस्था की गई है।
– गैरसैंण (भराडीसैंण) में अन्तर्राष्ट्रीय संसदीय अध्ययन शोध एवं प्रशिक्षण संस्थान की स्थापना हेतु धनराशि की व्यवस्था की गई है।
– ई0वी0एम0 एवं वी0वी0पी0ए0टी0 हेतु गोदाम निर्माण के लिए 10 करोड़ की व्यवस्था की गई है।
– मध्याह्न भोजन योजना के अन्तर्गत कार्यरत भोजन माताओं को वर्दी उपलब्ध कराये जाने हेतु 03 करोड़ की धनराशि की व्यवस्था की गई है।
– संस्कृत के मेधावी छात्रों को छात्रवृत्ति प्रदान किये जाने हेतु धनराशि प्रस्तावित है।
– राजकीय संस्कृत आवासीय विद्यालय की स्थापना हेतु धनराशि का प्राविधान किया गया है।
– आशा कार्यकत्रियों/ए0एन0एम0 हेतु दुर्घटना बीमा योजना प्रारम्भ की जायेगी।
– उत्तराखण्ड आयुष शोध संस्थान की स्थापना हेतु धनराशि प्रस्तावित है।
– पेयजल विभाग अन्तर्गत के0एफ0डब्ल्यू0 परियोजना हेतु 40 करोड़ की व्यवस्था की गई है।
– मेट्रो रेल निर्माण अन्तर्गत कुल 86 करोड़ की धनराशि प्रस्तावित है।
– राज्य के सरकारी/सार्वजनिक भवनों को दिव्यांगों हेतु सुगम्य बनाये जाने के लिए सुगम्य उत्तराखण्ड अभियान (आर0पी0डब्ल्यू0डी0 एक्ट 2016) अन्तर्गत धनराशि प्रस्तावित है।
– कामकाजी महिलाओं के बच्चों की देखभाल आदि की व्यवस्था हेतु ‘‘राष्ट्रीय क्रेच योजना’’ अन्तर्गत 03 करोड़ 70 लाख धनराशि की व्यवस्था की गई है।
– मातृ एवं शिशु कुपोषण रोकने के लिए ‘‘राष्ट्रीय पोषण मिशन’’ अन्तर्गत 10 करोड़ 25 लाख 42 हजार धनराशि का प्राविधान किया गया है।
– एन0डी0ए0,आई0आई0ए0, ओ0टी0ए0 हेतु पूर्व प्रशिक्षण के लिए सैनिक कल्याण के अन्तर्गत नई योजना प्रारम्भ की गई है।
– प्रत्येक जनपद पर राज्य सरकार द्वारा बन्धुआ श्रमिकों के पुनर्वास हेतु बन्धुआ श्रमिक पुनर्वास निधि की स्थापना की गई है।
– गरीबी रेखा से नीचे जीवनयापन करने वाले परिवारों के मुखिया हेतु आम आदमी बीमा योजना में ग्यारह करोड़ सैंतीस लाख पन्द्रह हजार धनराशि की व्यवस्था की गई है।
– सिंचाई विभाग अन्तर्गत सौंग बांध परियोजना हेतु 40 करोड़ की व्यवस्था की गई है।
– नैनीताल झील के पुनर्जीवीकरण हेतु 05 करोड़ की व्यवस्था की गई है।
– सेवा क्षेत्र में उद्यमों को बढ़ावा दिये जाने एवं रोजगार सृजन के उद्देश्य से सेवा क्षेत्र की इकाईयांे को प्रोत्साहन हेतु नई योजना प्रारम्भ की जा रही है।
– हथकरघा की सम्भाव्यता में वृद्धि एवं रोजगार के अवसरों में वृद्धि हेतु राजकीय डिजाइन केन्द्र काशीपुर के सुधारीकरण एवं एपारेल प्रशिक्षण योजनान्तर्गत धनराशि की व्यवस्था की गई है।
– प्रदेश में आर्थिक गतिविधियों विशेष रूप से पर्वतीय क्षेत्रों में उद्यमिता प्रोत्साहन एवं पलायन रोकने के साथ-साथ रोजगार के अवसरों में वृद्धि हेतु ‘‘ग्रोथ सेंटर’ की स्थापना में 15 करोड़ की धनराशि की व्यवस्था की गई है।
– एम0एस0एम0ई0 अन्तर्गत वाह्य सहायतित परियोजनाओं हेतु कुल ृ30 करोड़ की व्यवस्था की गई है।
– क्षेत्रीय सम्पर्क योजना (उडान) हेतु 10 करोड़ की व्यवस्था की गई है।
– ऋषिकेश में यात्रियों के रजिस्ट्रेशन ऑफिस कम ट्रांजिस्ट कैम्प का निर्माण हेतु 07 करोड़ की धनराशि प्रस्तावित है।
– प्रदेश के 13 जनपदों में दीर्घ अवधि प्लानिंग के अन्तर्गत थीम आधारित एक-एक नवीन पर्यटन गन्तव्य स्थापित किये जाने हेतुधनराशि प्रस्तावित है।
– स्वामी विवेकानन्द अन्तर्राष्ट्रीय कन्वेन्शन एवं वैलनेस सिटी की ऋषिकेश में स्थापना की जायेगी।
– पर्यटन विभाग कीयोजना ‘‘होम स्टे’’ हेतु 15 करोड़ की व्यवस्था की गयी है।
– औद्यानिक विभाग की बाह्य सहायतित परियोजनाओं हेतु 20 करोड़ की व्यवस्था की गई है।
– राजकीय/भेषज संघों की नर्सरियों के विकास व संवर्धन की योजना हेतु धनराशि की व्यवस्था की गई है।
– श्रीनगर गढ़वाल में राजकीय आश्रम पद्धति विद्यालय के भवन निर्माण हेतु धनराशि की व्यवस्था की गई है।
– राजकीय आश्रम विद्यालय विन्सौण, जनपद देहरादून हेतु 02 करोड़ धनराशि की व्यवस्था की गई है।