अब शिक्षक बनने को इन्हे न्यायालय ने बताया योग्य

देहरादून/नैनीताल। प्रदेश से बाहर से डीएलएड किये अभ्यर्थियों को भी प्राथमिक शिक्षक बनने हेतु नैनीताल उच्च न्यायालय ने योग्य घोषित करार दिया है। साथ ही राज्य सरकार को प्राथमिक शिक्षक के पद पर चयन प्रक्रिया में याची को योग्य मानते हुए नियुक्ति के लिए विचार करने का आदेश दिया।
न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया कि एकल पीठ में अल्मोड़ा निवासी हरीश चंद्र द्वारा दायर की गयी याचिका पर सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने कहा कि याची अल्मोड़ा जिले का मूल निवासी है। वह वाणिज्य में स्नातक उपाधि के साथ दिल्ली से दो वर्षीय डीएलएड डिप्लोमा की योग्यता रखता है, साथ ही उसने सीटीईटी-2011 भी पास किया है। याची की योग्यता नियमानुसार प्राथमिक शिक्षक के पद पर नियुक्ति के लिए उपयुक्त है, लेकिन राज्य सरकार द्वारा केवल उन अभ्यर्थियों को नियुक्ति के लिए योग्य माना जा रहा है, जिन्होंने उत्तराखंड के 13 जिलों के संबंधित जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान से दो वर्षीय बीटीसी अथवा डीएलएड किया है तथा एनसीटीई द्वारा प्राथमिक शिक्षा हेतु मान्यता प्राप्त संस्थानों से दो वर्षीय डिप्लोमा करने वाले अभ्यर्थियों को शामिल नहीं किया जा रहा है।
याचिका में राज्य सरकार द्वारा 20 जुलाई 2012 में प्राथमिक शिक्षक सेवा नियमावली के नियम 9(क) (2) के आधार पर ऊधमसिंह नगर के जिला शिक्षा अधिकरी ( बेसिक) द्वारा चार अगस्त 2016 व जिला शिक्षा अधिकारी (बेसिक) नैनीताल द्वारा 21 अगस्त 2016 को जारी विज्ञप्तियों को चुनौती देते हुए कहा था कि केवल राज्य के भीतर संबंधित डाइट से दो वर्षीय डिप्लोमाधारी अभ्यर्थियों को शिक्षक के पद पर नियक्ति देना असंवैधानिक है। नियमावली में राज्य से बाहर से डीएलएड किये अभ्यर्थी को राज्य सरकार द्वारा अयोग्य मानना शिक्षा के अधिकार अधिनियम 2009 के धारा 23 में वर्णित प्रावधानों का भी उल्लंघन है।
दोनों पक्षों की दलील को सुनने के बाद न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया की एकल पीठ ने याचिकाकर्ता को प्राथमिक शिक्षक के पद पर नियुक्ति के लिए योग्य करार दिया। साथ ही राज्य सरकार को 4 अगस्त 2016 व 21 अगस्त 2016 द्वारा संचालित चयन प्रक्रिया में याची को योग्य मानते हुए नियुक्ति के लिए विचार करने का आदेश दिया।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *