वित्तीय वर्ष 2022-23 में 8 फरवरी तक हुआ 5077.28 करोड़ का पूँजीगत परिव्यय: वित्त सचिव

देहरादून 09 फरवरी, गढ़वाल का विकास डॉट कॉम। सचिव वित्त दिलीप जावलकर ने बताया कि वर्ष 2021-22 के अनंतिम अनुमानों के अनुसार वित्तीय वर्ष 2021-22 में कुल रु 7533.50 करोड़ का पूँजीगत परिव्यय हुआ था। कोषागार से प्राप्त आंकडों के अनुसार वित्तीय वर्ष 2021-22 में 8 फरवरी, 2022 तक रू 4985.12 करोड का पूँजीगत परिव्यय हुआ था।

उल्लेखनीय है कि गत वर्ष जल जीवन मिशन का केन्द्राश भी उक्त व्यय में सम्मिलित था। कोषागार से प्राप्त आकड़ों के अनुसार वित्तीय वर्ष 2022-23 में 8 फरवरी 2023 तक कुल रु 5077.28 करोड़ का पूँजीगत परिव्यय हुआ है। इसमें जल जीवन मिशन परियोजना में (31 जनवरी, 2023 तक) लगभग रू 1082 करोड़ केन्द्रांश के अन्तर्गत किया गया व्यय सम्मिलित नहीं है। इस प्रकार जल जीवन मिशन परियोजना को सम्मिलित करते हुए इस वित्तीय वर्ष में कुल रु 6159.28 करोड़ का पूँजीगत परिव्यय हो गया है जो गत् वर्ष की तुलना में रू 1174.16 करोड़ अर्थात 23.55 प्रतिशत अधिक है।

माह अक्टूबर 2022 तक पूँजीगत परिव्यय में गत वर्ष की तुलना में कम वृद्धि हो रही थी। इस क्रम में नियमित अन्तराल पर समीक्षा बैठक की गयी, जिसके कारण नवम्बर, 2022 के उपरान्त गत वर्ष की तुलना में पूँजीगत परिव्यय में गति आयी परिणामतयः 08 फरवरी 2023 तक गत वर्ष की तुलना में लगभग 23.55 प्रतिशत की वृद्धि हो गई है।

पूँजीगत परिव्यय में वृद्धि मुख्यतः निम्न विभागों के कारण हुईः-

*ग्राम्य विकास*: – ग्राम्य विकास विभाग के अन्तर्गत गत रु 1097 करोड़ का व्यय हुआ था जिसके सापेक्ष इस वित्तीय वर्ष में रु 1270 करोड का हो चुका है।

*लोक निर्माण विभाग*:- लोक निर्माण विभाग के अन्तर्गत गत रु 710 करोड़ का व्यय हुआ था, जिसके सापेक्ष इस वित्तीय वर्ष मे रु 808 करोड के व्यय हो चुका है।

*चिकित्सा शिक्षा*: चिकित्सा शिक्षा विभाग के अन्तर्गत गत् रु 173 करोड़ का व्यय हुआ था, जिसके सापेक्ष इस वित्तीय वर्ष में रु 220 करोड़ का व्यय हो चुका है।

*मुख्य सिंचाई तथा लघु सिंचाई*:- सिंचाई विभाग के अन्तर्गत गत् रु 128 करोड़ का व्यय हुआ था, जिसके सापेक्ष इस वित्तीय वर्ष मे रु 183 करोड़ का व्यय हो चुका है।

*ऊर्जा विभाग*:- ऊर्जा विभाग के अन्तर्गत गत् रु 63.17 करोड़ का व्यय हुआ था जिसके सापेक्ष इस वित्तीय वर्ष में रु 151.32 करोड़ का व्यय हो चुका है।

*न्याय विभाग*: न्याय विभाग के अन्तर्गत गत रु 8.33 करोड़ का व्यय हुआ था, जिसके सापेक्ष इस वित्तीय वर्ष में रु 90.67 करोड़ का व्यय हो चुका है।

*खेलकूद*:- खेलकूद विभाग के अन्तर्गत गत् रु 52 करोड़ का व्यय हुआ था, जिसके सापेक्ष इस वित्तीय वर्ष में रु 87.55 करोड़ का व्यय हो चुका है।

*परिवहन*:- परिवहन विभाग के अन्तर्गत गत रु 0.88 करोड़ का व्यय हुआ था, जिसके सापेक्ष इस वित्तीय वर्ष में रु. 48.57 करोड़ का व्यय हो चुका है।

*पंचायतीराज*:- पंचायतीराज विभाग के अन्तर्गत गत् रु 20 करोड़ का व्यय हुआ था, जिसके सापेक्ष इस वित्तीय वर्ष में रु 30 करोड़ का व्यय हो चुका है।

*कृषि* :- कृषि विभाग के अन्तर्गत गत रु 14.77 करोड़ का व्यय हुआ था, जिसके सापेक्ष इस दितीय वर्ष में रु. 24.49 करोड़ का व्यय हो चुका है।

*नागरिक उड्यन*:- नागरिक उड्यन विभाग के अन्तर्गत गत रु 12.98 करोड का व्यय हुआ था, जिसके सापेक्ष इस वित्तीय वर्ष में रु 18.73 करोड़ का व्यय हो चुका है।

*आवास* :- आवास विभाग के अन्तर्गत गत वर्ष के सापेक्ष लगभग 14.69 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।

यह भी उल्लेखनीय है कि राज्य के सार्वजनिक क्षेत्रों के उपक्रमों द्वारा भी पूँजीगत परिव्यय किया जाता है। यह राशि कोषागार के आकड़ों में परिलक्षित नहीं होती है।

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