राजधानी में आपदा प्रबंधन व्यवस्था की खुली पोल: धस्माना

– खुड़बड़ा छबील बाग अग्निकांड में लोगों की मदद के लिए मौके पर पहुंचे प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना

देहरादून, गढ़वाल का विकास डॉट कॉम। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आपदा प्रबंधन के बड़े बड़े दावों के बावजूद उत्तराखंड राज्य में व राज्य की राजधानी देहरादून में आपदा प्रबंधन की हालात दयनीय बनी हुई है। प्रदेश भर में पिछले सालों के मुकाबले व्नाग्नि के मामले पांच गुणा होना और राजधानी देहरादून में आज राजपुर विधानसभा क्षेत्र में कांवली रोड पर छबील बाग में लगी आग को काबू करने के लिए फायर ब्रिगेड का डेढ़ घंटे देर से पहुंचना राज्य की आपदा प्रबंधन मशीनरी के हाल बयां कर रहा हैं।

यह बात आज उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में आयोजित पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए कही। छबील बाग अग्निकांड में मौके पर लोगों की सहयता करने पहुंचे श्री धस्माना ने पत्रकारों को बताया की आज की अग्निकांड की सूचना मिलते ही उन्होंने जिले के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक व सी एम ओ देहरा दून को फोन से सूचित किया व स्वयं मौके पर लोगों की सह्यता करने पहुंचे जहां लगभग तीस कच्चे मकान जल कर राख हो गए । श्री धस्माना ने बताया कि लोग इस बात से काफी आक्रोशित थे कि अग्निकांड के स्थल पर फायर ब्रिगेड लगभग एक घंटे देर से पहुंची जब तक सारे मकान जल कर राख हो चुके थे और मकान समेत लोगों का सारा सामन भी जल कर राख हो चुका था।

श्री धस्माना ने कहा की प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने चुनाव के दौरान अपने उत्तराखंड दौरे वाले दिन एक अखबार को दिए साक्षात्कार में दवा किया था कि पिछले दस सालों के उनके प्रधानमंत्रित्व काल में उत्तराखंड में आपदाओं से निपटने का एक बड़ा प्रभावी तंत्र विकसित किया गया है, श्री धस्माना ने कहा कि वो कितना प्रभावी तंत्र है यह उत्तराखंड में इस वर्ष अप्रैल के महीने में ही पता चल गया जब गर्मियां शुरू होते ही पूरे राज्य के जंगल धू धू कर के दहक रहे हैं और व्नाग्नी की घटनाएं पिछले वर्ष के सापेक्ष पांच गुणा अभी तक घट गई हैं। उन्होंने कहा कि नैनीताल अल्मोड़ा चम्पावत पिथौरागड़ व पौड़ी में व्नागनी बेकाबू हो रखी है।

श्री धस्माना ने कहा कि व्नाग्नि की घटनाओं से निपटने के लिए तैयारी सितंबर महीने से शुरू करनी होती है किंतु उत्तराखंड की सरकारी मशीनरी व आपदा प्रबंधन विभाग यह तयारी आग लगने पर शुरू करता है जिसका नतीजा आज पूरे राज्य को भुगतना पड़ रहा है। श्री धस्माना ने कहा कि राजधानी देहरा दून में आज की आग की घटना व उससे निपटने के लिए आपदा प्रबंधन मशीनरी का रिस्पॉन्स निराशाजनक है। उन्होंने अफसोस जाहिर करते हुए कहा की राज्य में ट्रिपल इंजिन की सरकार होने के बावजूद घटना के तीन घंटों बाद भी राजपुर या कैंट दोनों क्षेत्रों से यह इलाका जुड़ा हुआ है और दोनों ही विधानसभा क्षेत्र में भाजपा के विधायक हैं, महानगर के निवर्तमान मेयर भी और टिहरी के सांसद भी भाजपा के हैं और चंद कदम की दूरी पर प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष जी का घर है लेकिन भाजपा का कोई भी जन प्रतिनिधि मौके पर लोगों की मदद की बात तो दूर पीड़ित परिवारों की सुध तक लेने नहीं पहुंचे।

श्री धस्माना ने कहा कि आज पूरे देहरा दून महानगर में भयंकर पीने के पानी का संकट खड़ा हो रक्खा है। देहरा दून के सभी सौ वार्डों में लगभग एक सौ बीस कालोनियों में पेयजल संकट शुरू हो गया है और अभी गर्मियां शुरू भी नहीं हुई हैं। उन्होंने कहा कि जल संस्थान के पास पीने के पानी के संकट से निपटने का कोई रास्ता नहीं है क्योंकि उनके पास तयारी व जल स्रोत ही उपलब्ध नहीं हैं। श्री धस्माना ने कहा कि यह सब सरकारी उदासीनता व जन प्रतिनिधियों की लापरवाही के कारण हुआ है और अब कांग्रेस पार्टी इन जन सरोकारों के मुद्दों पर शांत बैठने वाली नहीं है। उन्होंने ऐलान किया कि वे शीघ्र ही सड़कों पर उतरेंगे व लापरवाह अधिकारियों- मंत्रियों का घिराव करेंगे। पत्रकार वार्ता में विशाल मौर्या व शीशपाल सिंह बिष्ट भी मौजूद थे।

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