लोस चुनाव रैलियों की योजना अंतिम चरण में, घर घर पहुंचेंगे 33 हजार कार्यकर्ता: चौहान

– कांग्रेस गुटबाजी का गठबंधन, नामांकन मे दूरी बना रहे केंद्र और स्थानीय नेता

देहरादून, गढ़वाल का विकास डॉट कॉम। भाजपा ने नामांकन प्रक्रिया पूर्ण होने के साथ ही प्रत्येक मतदाता तक पहुंचने की प्रक्रिया तेज करते हुए बड़ी रैलियों की योजना को अंतिम रूप देना शुरू कर दिया है।

प्रदेश मीडिया प्रभारी मनवीर चौहान ने बताया कि मोदी जी के मार्गदर्शन का इंतजार बड़ी बेसब्री से उत्तराखंड की जनता कर रही है । राज्य भाजपा भी पूरी तरह तैयार हैं और जैसे ही उनका एवं अन्य नेताओं का कार्यक्रम प्राप्त होगा, तय रणनीति को अमल में लाया जाएगा। साथ ही कांग्रेस प्रत्याशियों के नामांकन से उनके केंद्रीय नेताओं एवं प्रदेश नेताओं की अनुपस्थिति को भाजपा के लिए, पांचों सीटों के 5 लाख पार का होने शुभ संकेत बताया ।

मीडिया से अनौपचारिक बातचीत में श्री चौहान ने बताया कि सभी पांचो सीटों पर नामांकन होने के बाद अब पार्टी का प्रयास है कि प्रत्येक मतदाता तक पहुंचा जाए । जिसके तहत हमारे 33 हजार से अधिक कार्यकर्ता, पदाधिकारी एवं निर्वाचित जनप्रतिनिधि घर घर पहुंच कर केंद्र एवं राज्य सरकार के विकास कार्य एवं जनकल्याणकारी योजनाओं की जानकारी साझा करेंगे। पार्टी का लक्ष्य स्पष्ट है 70 की 70 विधानसभा में जीत, प्रत्येक बूथ पर 50 फ़ीसदी से अधिक मत और प्रदेश की सभी पांचो सीटों पर 75 फीसदी से अधिक जनता का आशीर्वाद अर्जित करना है।

इसके अतिरिक्त प्रचार रणनीति विशेष कर बड़ी रैलियों को लेकर पूछे सवालों का जवाब देते हुए चौहान ने कहा कि पार्टी कार्यकर्ताओं की ही नही राज्य की सवा करोड़ से अधिक जनता को भी पीएम श्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन का इंतजार हैं । पार्टी की रणनीति तय है, बस प्रधानमंत्री जी के कार्यक्रम का इंतजार है, जो शीघ्र ही प्राप्त हो जाएगा। इसी तरह केंद्र से राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह, केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी समेत अन्य कई बड़े नेताओं का उत्तराखंड दौरे के कार्यक्रम भी हमे प्राप्त होने वाले हैं। उन सबकी जनसभाओं के लिए संगठन पूरी तरह तैयार है।

कांग्रेस प्रत्याशियों के नामांकन के दौरान उनके केंद्रीय एवं प्रदेश नेताओं के नदारद रहने को लेकर मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कांग्रेस पार्टी पूरी तरह हताश और निराशा है। भाजपा वैचारिक एवं कैडर वाला संगठन है, जिसमे तय रणनीति के तहत हमारे केंद्र और प्रदेश नेतृत्व इन नामांकनों में मौजूद रहे हैं। जहां तक सवाल कांग्रेस का है तो वह गुटबाजी का गठबंधन है, यही वजह है कि 2022 के विधानसभा चुनाव में जनता ने उन्हें विपक्ष में बैठने का मत दिया था । लेकिन वह उस दायित्व को निभाने में भी पूरी तरह असफल हुई है और हालत ये है कि उनके प्रत्याशियों के नामांकन में केंद्र के नेता ही नहीं, प्रदेश के नेता भी पूरी तरह से शामिल नहीं हुए। जो इस बात की तरफ इशारा करता है कि उत्तराखंड की सभी पांच सीटों पर कमल का रिकॉर्ड 5 लाख के अंतर से खिलना तय है।

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