चारधाम यात्रा मार्गों पर सरकारी व्यवस्थायें पूरी तरह से ध्वस्त

– ग्रामीण क्षेत्रों सहित यात्रा मार्गों पर पेयजल का भारी संकटः करन माहरा

देहरादून, गढ़वाल का विकास डॉट कॉम। उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष करन माहरा ने उत्तराखंड में प्रारम्भ होने वाली चारधाम यात्राओं की तैयारी पर प्रश्नचिन्ह खडा करते हुए मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर राज्य सरकार से यात्रा मार्गों पर व्यवस्थायें चाक चौबंद करने की मांग की है।

उपरोक्त जानकारी देते हुए प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष संगठन एवं प्रशासन मथुरादत्त जोशी ने बताया कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को लिखे पत्र में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष श्री करन माहरा ने कहा है कि उत्तराखण्ड राज्य में चारधाम यात्रा एवं पर्यटन काल प्रारम्भ हो चुका है। पर्यटन एवं तीर्थाटन राज्य के लोगों की आय का प्रमुख स्रोत है परन्तु चारधाम यात्रा प्रारम्भ होने से पूर्व ही चारधाम यात्रा मार्गों पर सरकारी व्यवस्थायें पूरी तरह से चरमराई हुई नजर आ रही हैं। चारधाम यात्रा पर बाहरी राज्यों से आने वाले पर्यटकों के रजिस्ट्रेशन की समुचित व्यवस्था नहीं हो पा रही है जिसके कारण चार धाम यात्रा पर आने वाले तीर्थ यात्रियों एवं पर्यटकों को भारी कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है।

श्री करन माहरा ने सरकार को सुझाव देते हुए कहा कि चारों धामों के मुख्य प्रवेश मार्गों यथा; ऋषिकेश, चिन्यालीसौड, रूद्रप्रयाग, उत्तरकाशी आदि स्थानों पर स्थानीय प्रशासन एवं पर्यटन विभाग के अधिकारियों की जिम्मेदारी तय कर रजिस्ट्रेशन की व्यवस्था सुनिश्चित की जाय ताकि तीर्थ यात्रियों एवं पर्यटकों को असुविधा का सामना न करना पड़े।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने यह भी कहा कि पूरे देश में भीषण गर्मी का मौसम शुरू हो गया है तथा जैसे-जैसे गर्मी बढ़ती जा रही है उत्तराखण्ड राज्य के कई क्षेत्रों में पेयजल संकट भी गहराता जा रहा है। राज्य के पर्वतीय क्षेत्रों में प्राकृतिक पेयजल स्रोतों पर अधिकतर लोगों की निर्भरता रहती है, परन्तु पर्वतीय क्षेत्रों के लगभग 50 प्रतिशत पेयजल श्रोत माह अपै्रल से ही सूख जाते हैं। बढती गर्मी के प्रकोप के साथ ही पर्वतीय क्षेत्रों के कई जनपदों में स्थानीय लोगों को भारी पेयजल की किल्लत का सामना करना पड़ रहा है।

राज्य सरकार की उपेक्षापूर्ण नीति के कारण ग्रामीण एवं पर्वतीय क्षेत्रों में घोर पेयजल संकट पैदा हो गया है तथा स्थानीय ग्रामीण जनता के साथ-साथ उत्तराखण्ड के टूरिस्ट स्थलों के होटल व्यवसायियों एवं अन्य प्रदेशों से राज्य में आने वाले पर्यटकों एवं तीर्थ यात्रियों को भी पेयजल संकट का सामना करना पड़ रहा है। मौसम विभाग की पूर्व चेतावनी के बावजूद प्रत्येक वर्ष होने वाली इस समस्या से निपटने के लिए राज्य सरकार एवं पेयजल विभाग के स्तर पर समय रहते ठोस कदम नहीं उठाये गये हैं। गम्भीर पेयजल संकट से निपटने के लिए आवश्यक है कि पर्वतीय क्षेत्रों में पेयजल संकट का शीघ्र आंकलन कर उससे निपटने के उपाय किये जांय ताकि दूरस्थ ग्रामीण क्षेत्र के लोगों तथा पर्यटन एवं तीर्थाटन स्थलों पर पेयजल संकट से निपटा जा सके।

श्री करन माहरा ने यह भी कहा कि पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार द्वारा इसी प्रकार के पेयजल संकट से निपटने के लिए पेयजल संकटग्रस्त क्षेत्रों में खच्चरों के माध्यम से पेयजल की आपूर्ति करने का निर्णय लिया था। उन्होंने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से उपरोक्त बिन्दुओं पर राज्य सरकार के स्तर पर यथाशीघ्र आवश्यक कदम उठाने की मांग की है ताकि पर्यटकों एवं तीर्थ यात्रियों को इन गम्भीर समस्याओं से राहत मिल सके।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *