देहरादून (गढ़वाल का विकास न्यूज)। संत निरंकारी मिशन की निजी भूमि पर सदगुरू माता सुदीक्षा जी महाराज की छात्रछाया एवंआशीर्वाद से 72वें वार्षिक निरंकारी संत समागम की स्वैच्छिक सेवाओं का उद्घाटन शुरू हो गया है। इस अवसर पर सेवादलके अधिकारी, स्वयंसेवक और दिल्ली एवं इसके आस-पास के क्षेत्र्ाों, पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखण्ड, जम्मू औरकश्मीर, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, महाराष्ट्र इत्यादि राज्यों से बड़ी संख्या में श्रद्धालु संत भक्त पहंुचे।
ज्ञातव्य हो कि यह समागम, दूसरी बार संत निरंकारी आध्यात्मिक स्थल, नजदीक समालखा, जी. टी. रोड पर 16 से 18नवम्बर, 2019 को आयोजित होगा। जिसकी सेवाएं शुरू हो गई है। इस मुख्य रूप देने के लिए दूर-दूर से निरंकारी भक्तोंदिन-रात सेवाओं में अपना अमूल्य योगदान दे रहे है। वहीं सदगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज ने मिशन के श्रद्धालु भक्तों तथानिरंकारी सेवादल के सदस्यों को इस अवसर पर सम्बोधित करते हुए कहा कि न केवल सेवादल के सदस्य ही सेवा कर रहेहै बल्कि संगत के सभी सदस्य भी सेवा कर रहे है। सभी एक दूसरे में निरंकार की ज्योति को देखकर समर्पित हो रहे हंै औरयही उनकी पूजा-अर्चना है।
गौरतलब हो कि मिशन के 90 वर्षों की यात्रा को स्मरण करते हुए उन्होंने कहा कि मिशन का उद्देश्य एकत्व, शांति, समरसता,विश्वबन्धुत्व है तथा मानवीय गुणों को घर -घर पहंुचाना हमारी जिम्मेदारी है। हमें सेवा, सुमिरण और सत्संग के गहनों कोसदैव धारण रखना चाहिए। सदगुरु माता जी ने समागम में सेवा करने वाले, आने वाले सभी श्ऱद्धालु भक्तों तथा मानवमात्र केलिए निरंकार से सभी प्रकार की खुशियों की कामना की।
समागम स्थल पर आने वाले श्रद्धालु भक्तों को अधिक से अधिक सुख-सुविधाएं प्रदान कराने के प्रयासों में शामियानों की एकसुन्दर नगरी स्थापित की जाएगी। जिसके लिए 7 अक्तूबर, 2019 से यहां प्रतिदिन करीब 4000 सेवादल के भाई-बहन तथाअन्य श्रद्धालु भक्त सेवाएं दे रह है।बता दें कि समस्त भारत वर्ष से लाखों की संख्या में श्रद्धालु समागम हेतु समालखा पहुंचेंगें और इसके अतिरिक्त विदेशों सेभी बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंच रहे है। समागम को ध्यान में रखते हुए गत वर्षाे की भांति भारतीय रेल विभाग ने प्रत्येकएक्सप्रेस और मेल टेªन को समागम स्थल के करीब स्थित भोड़वाल माजरी रेलवे स्टेशन पर 5 नवम्बर से 30 नवम्बर, 2019तक 3 मिनट के लिए रोकने का फैसला किया है।
संयोजक श्री कलम सिंह रावत ने बताया कि यह समागम स्थल लगभग 600 एकड़ भूमि में फैला हुआ है। इस समागममें यह पूरा ध्यान रखा जाएगा कि आने वाले सभी श्रद्धालु भक्त समागम का भरपूर आनंद ले सके और उनके ठहरने तथाभोजन इत्यादि में भी कोई असुविधा न हो। मुख्य सत्संग पंडाल और आवासीय शामियानों के अतिरिक्त, समागम मैदान मेंविभिन्न कार्यालय, प्रदर्शनी, प्रकाशन स्टाल, लंगर, कैंटीन और डिस्पैंसरी इत्यादि होंगे। बसों के साथ-साथ अन्य वाहनों केलिये पार्किंग क्षेत्र्ा हांेगे और पूरे क्षेत्र्ा में सभी के लिए मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध होंगी। वहीं पानी, बिजली की आपूर्ति, परिवहन,यातायात नियंत्र्ाण तथा अन्य आवश्यक सुविध्ााओं के लिए संबंध्ाित स्थानीय अध्ािकारियों के साथ समन्वय स्थापित किया जारहा है।
वहीं समागम पर पर्यावरण एवं स्वच्छता का विशेष ध्यान रखते हुए लंगर को स्टील की थालियों में परोसा जायेगा। समागम मेंशामिल होने वाले शारीरिक रूप से दिव्यांग भक्तों के लिए विशेष प्रबंध किया जायेगा। समागम में प्राथमिक उपचार के लिएडिस्पैन्सरीयों तथा उपचार केन्द्रांे का भी प्रबंध किया जायेगा। सत्संग समापन से पूर्व अनेकों संतों, भक्तों ने अपनी-अपनी भाषाका सहारा लेक र सत्संग को निहाल किया। मंच संचालन जी ने किया।