व्यसन होने का मुख्य कारण तनाव भरा जीवन

“मेरा उत्तराखंड, व्यसन मुक्त उत्तराखंड” अभियान का शुभारम्भ
देहरादून (गढ़वाल का विकास न्यूज)।  प्राजापिता ब्रह्मा कुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय के मुख्य सेवाकेंद्र, सुभाष नगर, देहरादून में “मेरा उत्तराखंड, व्यसन मुक्त उत्तराखंड” अभियान का शुभारम्भ कार्यक्रम आयोजित किया गया ।
बी.के. डॉ. बनारसी लाल शाह जी (सेक्रेटरी मेडिकल विंग, ब्रह्माकुमारीज़, मुख्यालय – माउंट आबू) ने कहा कि व्यसन होने का मुख्य कारण तनाव भरा जीवन है। राजयोग से तनाव मुक्ति सहज हो जाती है तो नशा मुक्ति सम्भव हो जाती है। नशे से समाज में अशांति, कुरीतियाँ फैल रही हैं । उन्होंने 21 से 24 नवम्बर 2019 तक माउंट आबू में होने वाले मेडिकल विंग के सम्मेलन में डॉक्टरों को आमंत्रित किया। ब्रह्माकुमारीज़ की मुख्य प्रशासिका 104 वर्षीय दादी जानकी जी की शुभ कामनाओं को सभी से अवगत कराते हुए उन्होंने उत्तराखण्ड के व्यसन मुक्त होने की शुभेच्छा ज़ाहिर की ।
श्रद्‍धेय आचार्य शिव प्रसाद ममगई (अध्यक्ष- चारधाम विकास परिषद) ने अपने आशीर्वचन में कहा कि चार धाम में नशे को रोकने के ऊद्देश्य से वे नशे की रोकथाम की युक्ति सीखने के लिये उपस्थित हैं। उन्होंने याद दिलाया कि समुद्र मंथन से निकलने वाले अमृत का पान देवताओं ने और मदिरा का पान राक्षसों ने किया था। बच्चे अपने बड़ों से बुरी आदतें सीखते हैं। ब्रह्माकुमारीज़ की आध्यात्मिकता से नशे से मुक्ति सम्भव है।
बी.के. डॉ. सचिन परब जी (वरिष्ठ प्रशिक्षक – व्यसनमुक्ति – ब्रह्माकुमारीज़ आबू पर्वत) ने सभाजनों के साथ व्यसनमुक्ति के सम्बंध में अनुभव व जानकारी साझा की। उन्होंने कहा कि नशा बुरा नहीं है, सकारात्मक नशे से जीवन का सच्चा आनन्द लेना आना चाहिये। स्कूल – कॉलेज के बच्चों और युवाओं को खासकर बचाने की ज़रूरत है। नशे से बचने और इसे रोकने के लिये दृढ़-इच्छा चाहिये। ब्रह्माकुमारीज़ संस्था गाँव-कस्बे-स्कूल-कॉलेज के स्तर पर नशे की रोकथाम के लिये सकारात्मकता– निर्माणता– आध्यात्मिकता– राजयोग मेडिटेशन जीवनशैली का प्रसार कर रही है। उन्होंने कहा कि आगामी 30 दिनों तक यह अभियान अपनी पूरी टीम के साथ समस्त गढ़वाल में जन- जागृति लाने की सेवा करेगा। उन्होंने सभाजनों जो नशे से सदा दूर रहने और दूसरों को भी ऐसी प्रेरणा देने की प्रतिज्ञा कराई।
डॉ. बी. के. एस. संजय ने सर्वांगीण स्वास्थ्य पर बल दिया। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य है तो आशा है। सामाजिक ऋण को चुकाने की हम सबकी ज़िम्मेदारी है। सड़क-दुर्घटनाओं और उनसे होने वाली मौतों का मुख्य कारण ‘नशा’ है। आदतें बचपन में पड़ती हैं, इसलिये बचपन को नशे से बचाना ज़रूरी है। उन्होंने इस अभियान में अपना पूर्ण सहयोग देने का वचन दिया।
डॉ. बी.के. रामप्रकाश जी (प्रभारी – मेडिकल विंग, पंजाब ज़ोन, ब्रह्माकुमारीज़, हिसार) ने सुनाया कि ब्रह्माकुमारीज़ द्वारा सिखाई जाने वाली राजयोग जीवन पद्धति को अपनाने से अनेक भाई-बहनों ने नशे की लत से मुक्ति पाई है। उन्होंने सभी से इस अभियान को सफल बनाने के लिये रोज़ 5-10 मिनट शुभ संकल्पों का योगदान देने का आहवान किया।
अशोक कुमार( ए.डी.जी.पी. कानून व व्यवस्था) ने आधुनिक युग के विकार– नशे से युद्ध की सराहना की। ड्रग्स दुनिया का सबसे बड़ा संगठित अपराध है। ड्रग्स की माँग और आपूर्ति, दोनों को बाधित करना आवश्यक है। गरीब बच्चों को भिक्षा नहीं, शिक्षा देनी चाहिये।
डॉ. संजय कुमार गोयल (अध्यक्ष – आई.एम.ए.) ने निवेदन किया कि भारतीय सिनेमा भारत का बहुत बड़ा, व्यापक तथा प्रभावशाली शैक्षिक संस्थान है जिसको नशे के प्रसार से बचना चाहिये।
बी.के. मंजू दीदी जी ( सबज़ोन इंचार्ज – ब्रह्माकुमारीज़, ) ने सर्वप्रथम सभी का स्वागत किया और संकल्प दिया कि इस देवभूमि को वास्तब में बीड़ी, सिगरेट, शराब, आदि व्यसनों से मुक्त देवभूमि बनायें।
बी. के. डॉ. रामबाबू जी ( सेवानिवृत्त – निदेशक हेल्थ सर्विसेज़ – उत्तर प्रदेश) ने धन्यवाद प्रस्ताव प्रस्तुत किया।
मंच संचालन ब्रह्माकुमार सुशील जी ने किया।

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