देहरादून। राजकीय शिक्षक संघ ने भी प्रिंसिपलों के पदों पर सीधी भर्ती का कड़ा विरोध किया है। संघ ने शिक्षा निदेशक को लिखे पत्र में कहा है कि ऐसा न तो न्यायसंगत है और न ही शिक्षकों के हित में। यदि सीधी भर्ती ही करनी है तो प्रवक्ता व एलटी शिक्षकों को ही इस पद के लिए अर्ह माना जाए और आयु की बाध्यता न रखी जाए। संघ ने 25 जून की समीक्षा बैठक के कार्यवृत्त का हवाला देते हुए कहा है कि प्रधानाचार्य के 673 रिक्त पदों पर अर्ह शिक्षकों का न होना कहा गया है। इसको देखते हुए सीधी भर्ती से 50 फीसद प्रधानाचायरे के पद भरने की बात कही गयी है। संघ ने इस पर कड़ी आपत्ति जतायी है। संघ के प्रांतीय महामंत्री डा. सोहन सिंह माजिला ने पत्र में लिखा है कि राजकीय शिक्षक संघ इस निर्णय से कतई सहमत नहीं है। उन्होंने लिखा है कि सहायक अध्यापक एलटी व प्रवक्ताओं के पदों में से क्रमश 55 व 45 फीसद के अनुपात में मात्र तीन फीसद शिक्षक ही प्रधानाध्यापक के पद पर प्रोन्नत हो पाते हैं। इन्हीं प्रधानाध्यापकों में से प्रधानाचायरे की पदोन्नति की जाती है। यदि प्रधानाचार्य के पदों पर सीधी भर्ती की गयी तो सीधे-सीधे शिक्षकों की पदोन्नति प्रभावित होगी।