देहरादून।.यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया (टेगौर विला शाखा) के प्रबंधक के खिलाफ कोतवाली पुलिस ने छह लाख रुपये की धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज किया है। आरोप है कि फ्लैट पर बकाया लोन की राशि लेकर आरोपित ने लोन अदा करने वाले को फर्जी अनापत्ति प्रमाणपत्र थमा दिया। इसके साथ ही शिकायतकर्ता को रुपये वापस करने के लिए आरोपित द्वारा दिए गए दो चेक भी खाते में रकम न होने पर बाऊंस हो गए। पुलिस के अनुसार मामले में चुक्खुवाला निवासी आशीष सिंह ने शिकायत देते हुए बताया कि वह तीन साल से छबील बाग स्थित फ्लैट में किराए पर रह रहा था। फ्लैट को खरीदने को लेकर जब उसने जानकारी की तो पता चला कि फ्लैट पर यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया शाखा टैगोर विला का बैंक लोन है। बैंक द्वारा उन्हें बताया गया कि फ्लैट पर छह लाख रुपये का लोन बकाया है। जिस पर उन्होंने बैंक प्रबंधक विनीत कुमार जालौन से मुलाकात की। विनीत ने उन्हें बताया कि धनराशि का भुगतान करने पर बैंक द्वारा उन्हें अनापत्ति प्रमाण पत्र दे दिया जाएगा। जिस पर उन्होंने विनीत कुमार जालौन के खाते में छह लाख रुपये जमा करवा दिए। आरोप है कि बैंक प्रबंधक विनीत कुमार ने आशीष को फर्जी अनापत्ति प्रमाण दे दिया और रकम को बैंक में जमा करवाने के बजाय अपने निजी कार्य में खर्च कर दिया। बैंक जाने पर उन्हें पता चला कि अनापत्ति प्रमाण पत्र फ र्जी है। जिस पर पीड़ित आशीष ने विनीत से अपनी रकम वापस मांगी। काफी जोर देने पर आरोपित ने आशीष को तीन लाख व दो लाख रुपये के दो अलग अलग चेक दिए। परन्तु दोनों चेक खाते में रकम न होने पर बाऊंस हो गए। इसके बाद आशीष ने बैंक मैनेजर के खिलाफ धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज करवा दिया है।