नई दिल्ली। राजस्थान के जोधपुर की विशेष अदालत ने विवादास्पद धर्मगुरु आसाराम को अपनी शिष्य से रेप के मामले में उम्र कैद की सजा सुनाई है। अदालत ने अपने फैसले में कहा कि आसाराम को अपनी पूरी ज़िंदगी जेल में काटनी होगी। हालांकि, आसाराम के वकील ने अदालत से कम से कम सजा देने की अपील की थी।
सुबह 10 बजे जैसे ही जेल के भीतर अदालत की कार्यवाही शुरू हुई, जज मधुसूदन शर्मा सख्त रवैया अपनाया और अपने फैसले में आसाराम को दोषी करार दिया। उसके बाद सजा पर बहुस शुरू हुई। इस दौरान आसाराम के वकील ने अपने मुवक्किल के लिए कम से कम सजा की अपील की, उनकी बढती उम्र का हवाला दिया, लेकिन अदालत ने उनके साथ किभी भी तरह से रहम नहीं किया। उम्रकैद की सजा सुनते ही आसाराम कोर्ट रूम में फूट-फूट कर रोने लगा। अब आसाराम को कैदियों के कपड़े पहनने होंगे और उन्हें जेल का ही खाना खाना होगा। बाकी कैदियों की तरह ही सारे कानून आसाराम को मानने होंगे। आसाराम के वकील ने कहा है कि वो अदालत के इस फैसले को ऊपरी अदालत में चुनौती देंगे।
क्या था ये पूरा मामला जिसमें मिली आसाराम को उम्रकैद
चार साल से जेल में बंद आसाराम पर उत्तर प्रदेश की शाहजहांपुर की रहने वाली एक नाबालिग ने रेप का आरोप लगाया। नाबालिग की शिकायत के मुताबिक, वह आसाराम के छिंदवाड़ा (मध्य प्रदेश) स्थित आश्रम में पढ़ती थी. जहां से आसाराम ने उन्हें जोधपुर के नजदीक मनानी बुलाया और उनके साथ 15 अगस्त 2013 को रेप किया. हालांकि आसाराम ने सभी आरोपों से इनकार किया है।
आसाराम को 1 सितंबर 2013 को इंदौर से गिरफ्तार किया गया था और उन्हें जोधपुर लाया गया था। उसके बाद से वह न्यायिक हिरासत में हैं। 6 नवंबर 2013 को पुलिस ने आसाराम और उनके चार सहयोगियों शिवा, शिल्पी, शरद और प्रकाश के खिलाफ चार्जशीट (आरोपपत्र) दाखिल किया था। आसाराम के खिलाफ पॉस्को एक्ट, जुवेनाइल जस्टिस एक्ट और आईपीसी की कई अन्य धाराओं के तहत मामले दर्ज हैं।
अगर असल मामले में दोषी ठहराए जाने पर कम से कम 10 साल जेल या आजीवन कारावास की सजा हो सकती है। इस मामले में अंतिम सुनवाई एससी/एसटी की विशेष अदालत में सात अप्रैल को पूरी हुई थी और अदालत ने फैसले को सुरक्षित रखते हुए 25 अप्रैल को सुनाने की बात कही थी। आज ये फैसला आ गया।