रूद्रपुर। किसी भी योजना के क्रियान्वयन में टोकनमनी अवमुक्त नही की जायेगी। क्योंकि टोकनमनी रखने पर समय से योजना पूरी न होने के कारण योजना की लागत बढ़ने के साथ अन्य जरूरी योजनायें भी प्रभावित होती है, इसलिए जिला योजना में वही प्रस्ताव प्रस्तुत करें जिनमें पूर्ण धनराशि मिलने की संभावना हो।
यह निर्देश मुख्य विकास अधिकारी आलोक कुमार पाण्डेय ने वर्ष 2018-19 की जिला योजना की संरचना हेतु विकास भवन सभागार में आयोजित बैठक की समीक्षा करते हुए अधिकारियों को दिये। उन्होंने बताया कि इस वर्ष जनपद हेतु जिला योजना में 40.81 करोड़ रूपये स्वीकृत हैं। उन्होंने कहा कि जिला योजना में कम लागत की योजनाओं को ही प्रस्तुत करें ताकि समय से एक मुश्त धनराशि उपलब्ध हो सके और कार्य समय से पूर्ण हो सके। उन्होंने कहा कि बड़ी योजनाओं में किस्तों में धनराशि मिलने से अनावश्यक रूप से योजना की लागत बढ़ती है और कुछ योजनाओं के वर्षो तक लम्बित रहने पर अनावश्यक रूप से जनता के धन की बर्बादी होती है। उन्होंने किसी भी दशा में गैर जरूरी योजनाओं को प्रस्तावित न करने के निर्देश दिये। उन्होंने निर्देशित करते हुए कहा कि अति आवश्यकीय एवं जनहित की अति महत्वपूर्ण योजनाओं व अधूरे कार्यों को प्राथमिकता प्रदान करते हुए जिला योजना में प्रस्तावित करना सुनिश्चिित करें ताकि जनता कम समय में अधिक से अधिक लाभांवित हो सके। उन्होंने जिला योजना में जनप्रतिनिधियों के प्रस्ताव भी सम्मिलित करने के निर्देश अधिकारियों को दिये। मुख्य विकास अधिकारी ने योजनाओं का अधिक से अधिक कंवर्जेन्स करते हुए जनता को लाभांवित करने के निर्देश दिये।
बैठक में डीएफओ कल्याणी, मुख्य शिक्षा अधिकारी डाॅ.पीएन सिंह, सहायक गन्ना आयुक्त धरमवीर सिंह, जिला अर्थ एवं सांख्याधिकारी ललित चन्द्र, अपर मुख्य चिकित्साधिकारी डाॅ.अविनाश खन्ना, अधिशासी अभियन्ता संजय राज, जिला समाज कल्याण अधिकारी पल्लवी बिष्ट, जिला सेवायोजन अधिकारी अनुभा जैन सहित अन्य विभागों के अधिकारी व कर्मचारी उपस्थित थे।