औरंगाबाद रेल हादसे के लिए केंद्र जिम्मेदार: प्रीतम सिंह

रेल हादसे और विशाखापट्टनम गैस लीक कांड में मारे गए लोगों के प्रति उत्तराखंड कांग्रेस ने जताया शोक
देहरादून, (गढ़वाल का विकास न्यूज)। उत्तराखंड कांग्रेस के अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने महाराष्ट्र के औरंगाबाद में रेल पटरी पर रेल के के नीचे कट  जाने पर हुई  14 निर्दोष कामगारों की दर्दनाक मौत पर गहरा दुख और शोक व्यक्त किया है।
उन्होंने इस दुर्घटना के लिए केंद्र सरकार की प्रवासी कामगारों और मजदूरों को उनके प्रांतों में ले जाने में हुई चूक, देरी और पूर्ण विफलता को निशाना बनाते हुए कहां है कि “यह गरीब निर्दोष मजदूर मध्य प्रदेश से महाराष्ट्र के अपने गांव की तरफ लौट रहे थे। उन्होंने कहा कि यदि सरकार ने पहले उनको निशुल्क रेल सेवाओं के माध्यम से उनके गांव में पहुंचाने की व्यवस्था की होती तो यह दुर्घटना शायद ना होती उन्होंने कहा कि गरीबों के पास लॉक डाउन के चलते अपने गांव में जाने तक के लिए किराए के पैसे नहीं है यदि सोनिया गांधी इन कामगारों और मजदूरों के लिए कांग्रेस की ओर से रेल भाड़े की व्यवस्था किए जाने का ऐलान ना करती तो सरकार शायद इस मामले में कोई कदम भी नहीं उठाती। उन्होंने कहा केंद्र सरकार ने कामगारों और मजदूरों को उनके प्रदेशों में लाने में देर कर दी जिससे उनका धैर्य टूट गया है और लाखों मजदूर और कामगार पैसा ना होने की वजह से पैदल ही अपने गांव की तरफ निकल गए। उन्होंने औरंगाबाद रेल हादसे को दुखद और दर्दनाक बतया और कहा यह हमारे लिए शर्म की बात है की 21 वी सदी में भी हमारे लोगों को हजारों साल पहले की तरह संकट के इस दौर में हजारों किलोमीटर पैदल चलने को मजबूर होना पड़ता है। उन्होंने इसे केंद्र सरकार की भारी विफलता बताया  और इस हादसे को ” सरकारी अपराध” की संज्ञा दी।”
भोपाल गैस कांड की तर्ज पर विशाखापट्टनम में हुए गैस हादसे पर भी गहरी चिंता का इजहार करते हुए प्रीतम सिंह ने कहा है कि जिस तरह से गैस हादसे में विशाखापट्टनम में लोग मारे गए हैं यह भी एक भारी लापरवाही का नतीजा है। उन्होंने महाराष्ट्र औरंगाबाद के रेल हादसे में मारे गए 14  मजदूरों के परिवारों को  और विशाखापट्टनम में मारे गए लोगो के परिवारो को पर्याप्त मुआवजा और उनके घर के एक-एक व्यक्ति को सरकारी नौकरी दिए जाने की मांग उठाई। उन्होंने कहा है कि औरंगाबाद रेल हादसे और विशाखापट्टनम केस कांड की पुनरावृति ना हो सरकार को यह सुनिश्चित करना होगा। उन्होंने विशाखापट्टनम की तर्ज पर देश के तमाम जहां-जहां गैस के बड़े-बड़े गोदाम है उनके सुरक्षा उपायों की युद्ध स्तर पर छानबीन कराए जाने और किराया ना होने के चलते रेल ट्रकों पर चल रहे कामगारों और मजदूरों की सुरक्षा हेतु देश के तमाम रेल ट्रैको के ऊपर रेल कर्मचारियों द्वारा और पुलिसकर्मियों द्वारा पेट्रोलिंग किए जाने की भी मांग की है।

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