उत्तराखंड बजट सत्र: गैरसैंण उत्तराखंड की ग्रीष्मकालीन राजधानी घोषित

देहरादून (गढ़वाल का विकास न्यूज)। गैरसैंण (भराड़ीसैंण) में चल रहे उत्तराखंड विधानसभा के बजट सत्र के दूसरे दिन मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने एक बड़ी घोषणा कर दी। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने गैरसैंण को उत्तराखंड की ग्रीष्मकालीन राजधानी घोषित कर दिया। विदित हो कि गैरसैंण (भराड़ीसैंण) को ग्रीष्मकालीन राजधानी बनाने का भाजपा का यह चुनावी संकल्प था। उसने चुनाव संकल्प पत्र में इस मुद्दे को शामिल किया था। प्रदेश में भाजपा सरकार तीन साल पूरे होने जा रहे हैं। इससे पहले ही सरकार ने यह एतिहासिक फैसला लिया है। बता दें कि कर्णप्रयाग के विधायक सुरेंद्र सिंह नेगी ने हाल ही में मुख्यमंत्री से मिलनकर भराड़ीसैंण में होने वाले सत्र के दौरान गैरसैंण को उत्तराखंड की ग्रीष्मकालीन राजधानी घोषित करने की मांग की थी।
यह गर्व का पल: मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने मीडिया से वार्ता करते हुए गैरसैण को ग्रीष्मकालीन राजधानी बनाए जाने को राज्य आंदोलनकारियों और प्रदेश की माताओं व बहनों को समर्पित किया। मुख्यमंत्री ने भावुक होते हुए कहा कि यह गर्व का पल है। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह एक बहुत बड़ा फैसला है। वे रात भर सो नहीं पाए और काफी सोच विचार कर यह फैसला किया है। 2017 के घोषणा पत्र में किए गए वायदे को पूरा किया गया है। उत्तराखण्ड एक सीमान्त राज्य होने के कारण सामरिक दृष्टि से अति महत्वपूर्ण और आपदा की दृष्टि से अति संवेदनशील है। इन्ही बातों और प्रदेश की जनता की भावनाओं को ध्यान में रखते हुए यह ऐतिहासिक निर्णय लिया गया है, उन्होंने कहा कि अब आगे की कार्ययोजना तैयार की जाएगी। यहां तमाम आवश्यक सुविधाएं विकसित की जानी हैं। गैरसैण में पानी की समस्या को दूर करने के लिए पहले से ही झील बनाए जाने पर काम किया जा रहा है। इस अवसर पर मौजूद विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद्र अग्रवाल ने प्रदेश की जनता की ओर से मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया और इसे मुख्यमंत्री की ओर से प्रदेशवासियों को होली तोहफा बताया।
सदन में प्रस्तुत किए गए बजट पर मुख्यमंत्री ने कहा कि 53526.97 करोड़ रूपए का बजट लाया गया है। इस बार बजट में अनेक नई योजनाओं का प्राविधान किया गया है। प्रदेश के सभी ब्लॉकों विशेष तौर पर पलायन प्रभावी ब्लॉकों में स्वरोजगार के अवसर उपलब्ध कराए जाने के लिए मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना है। मुख्यमंत्री पलायन रोकथाम योजना के तहत पलायन प्रकोष्ठ का गठन किया गया है। मुख्यमंत्री सीमांत क्षेत्र विकास योजना के लिए धनराशि का प्राविधान किया गया है। राज्य में गर्भवती/धात्री माताओं में एनीमिया और मातृ एवं शिशु मृत्यु दर में कमी लाने के लिए मुख्यमंत्री महिला पोषण योजना का प्राविधान है। शिक्षकों और छात्र-छात्राओं को शोध एवं विकास व नवाचार के कार्यों के प्रोत्साहन के लिए मुख्यमंत्री नवाचार कोष की स्थापना की जा रही है।

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