इन मंदिरों में होती है दानवों/अन्य की पूजा

देहरादून। आप भले यकीन न करे, लेकिन यह सच है। देश में ऐसे भी मंदिर है, जहां न केवल दानवों/अन्य की पूजा होती है, अपितु श्रद्धालुओं की इनमें गहरी आस्था भी है।
कहा जाता है कि मंदिरों में देवताओं का वास होता है, लेकिन देश में ऐसे मंदिर भी है, जहां दानवों/अन्य की पूजा होती है। आइए जानिये कहां-कहां है ऐसे मंदिर…..

दुर्योधन मंदिर, उत्तराखंड
दुर्योधन को महाभारत युद्ध का खलनायक कहा जाता है। इनके कुकृत्‍यों से बड़ी संख्‍या में लोगों की जानें गई थी। दुर्योधन को असुर की श्रेणी में रखा जाता है लेक‍िन उत्तराखंड के नेटवार इलाके में दुर्योधन का एक काफी बड़ा मंदिर बना हुआ है। यहां पर आने वाले भक्‍त उन्‍हें देवता की तरह व‍िध‍िव‍त पूजते हैं। इस मंद‍िर के समीप ही दुर्योधन के प्रिय मित्र कर्ण का भी मंद‍िर बना है।
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अहिरावण मंदिर, उत्तरप्रदेश
रावण के भाई अह‍िरावण का नाम भी असुरों की श्रेणी में ही शाम‍िल है। अहि‍रावण ने ही भगवान राम और लक्ष्मण का अपहरण कर लिया था ले‍क‍िन उत्‍तरप्रदेश के झांसी इलाके में पचकुइंया में एक ऐसा मंद‍िर है। जहां पर हुनमान जी के साथ ही अहिरावण की भी पूजा की जाती है। लगभग 300 साल पुराने इस मंदिर में अहिरावण के साथ ही उसके भाई महिरावण की भी पूजा होती है।
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पूतना का मंदिर, उत्तरप्रदेश
कृष्‍ण को दूध प‍िलाकर मारने की कोश‍िश करने वाली पूतना भी एक राक्षि‍सी थी लेक‍िन उत्तरप्रदेश के गोकुल में पूतना का भी मंदिर है। इस मंद‍िर में पूतना की लेटी हुई मूर्ति है। ज‍िस पर कृष्‍ण छाती पर बैठकर दूध पीते द‍िखाई देते हैं। पूतना का मंद‍िर बनाए जाने के पीछे मान्‍यता है क‍ि श्रीकृष्ण को मारने के उद्देश्य से ही सही लेकिन पूतना ने एक मां के रूप में दूध प‍िलाया था।
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दशानन मंदिर, उत्तरप्रदेश
दशानन यानी कि‍ रावण भी एक असुर था लेक‍िन उत्तरप्रदेश के कानपुर के शिवाला इलाके में दशानन मंदिर बना है। इस मंदिर का निर्माण वर्ष 1890 में हुआ था। इस मंद‍िर के कपाट पूरे साल बंद रहते हैं सिर्फ साल में एक द‍िन दशहरे वाले द‍िन खुलते हैं। यहां पर इस द‍िन बड़ी संख्‍या में लोग दशानन के दर्शन व पूजन के ल‍िए आते हैं। रावण को ज्ञानी मानकर पूजा की जाती है।

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