– पोस्टर प्रस्तुति, पक्षी अवलोकन और पौधों की पहचान संबंधी गतिविधियों का किया गया आयोजन
देहरादून, गढ़वाल का विकास डॉट कॉम। वन अनुसंधान संस्थान,देहरादून में “प्रकृति के साथ सामंजस्य और सतत विकास” थीम के साथ जैव विविधता के लिए अंतरराष्ट्रीय दिवस मनाया गया।
इस अवसर पर वन अनुसंधान संस्थान परिसर में बर्ड वॉचिंग और वनस्पति विज्ञान पर एक कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम में सभी अधिकारियों, वैज्ञानिकों, तकनीकी कर्मचारियों, एमएससी एवं पीएचडी छात्रों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। प्रतिभागियों को क्रमशः पक्षी अवलोकन और वनस्पति विज्ञान के लिए दो समूहों में विभाजित किया गया था। पक्षी अवलोकन समूह का मार्गदर्शन वन संरक्षण प्रभाग के प्रमुख डॉ अरुण प्रताप सिंह और पौधों की पहचान करने वाले समूह का मार्गदर्शन परिसर के अंदर वन वनस्पति विज्ञान प्रभाग के वैज्ञानिक-डी डॉ पी के वर्मा ने किया।
इस अवसर पर पोस्टर प्रस्तुतिकरण का एक कार्यक्रम भी आयोजित किया गया, जिसमें वन अनुसंधान संस्थान (सम) विश्वविद्यालय के छात्रों और शोधार्थियों ने अपने पोस्टर प्रस्तुत किए। इस अवसर पर वन अनुसंधान संस्थान की निदेशक डॉ. रेणु सिंह ने प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए कहा कि जैव विविधता संरक्षण प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से मानव जाति के अस्तित्व से जुड़ा है। उन्होंने कहा कि यदि जैव विविधता नहीं होगी तो इस ग्रह पर जीवन नहीं होगा। हमारे ग्रह की रक्षा के लिए जैव विविधता की रक्षा और संरक्षण करना सभी का नैतिक कर्तव्य है।
इस अवसर पर वन अनुसंधान संस्थान, देहरादून की निदेशक डॉ. रेणु सिंह ने कैम्पा द्वारा वित्त पोषित परियोजना “Forest Fire Research and Knowledge Management” के अंतर्गत विकसित वनाग्नि जागरूकता फैलाने हेतु सूचना,शिक्षण और संचार सामग्री का विमोचन किया। वनाग्नि जागरूकता सूचना, शिक्षण और संचार सामग्री को 7 विभिन्न भाषाओं हिंदी, अंग्रेजी, मराठी, तमिल, तेलुगु, कन्नड़ और मलयालम में जारी किया गया, जिसमें स्कूली बच्चों की जागरूकता के लिए पोस्टर, बैनर, होर्डिंग्स, पत्रक, बच्चों की पुस्तक शामिल हैं।
इसके अतिरिक्त एक फायर मैसकोट, रेडियो जिंगल्स, अग्नि रोकथाम चिह्न, प्रतीक, स्लोगन, सोशल मीडिया कैम्पेन एवं संचार रणनीति हेतु मैनुअल, आउटरीच कार्यक्रम की रणनीति हेतु मैनुअल, दूरस्थ क्षेत्रों में ऑटोमोबाइल जागरूकता कार्यक्रम की रणनीति हेतु मैनुअल भी विकसित किए गए हैं। यह सामग्री विविध राज्यों के वन विभागों के साथ वर्तमान फायर सीजन में वनाग्नि की रोकथाम में प्रयोग हेतु साझा की गई है।
कार्यक्रम का आयोजन वन अनुसंधान संस्थान के विस्तार प्रभाग तथा सिल्वीकल्चर एवं वन प्रबंधन प्रभाग द्वारा किया गया था।