विधानसभा में 2001 से 2016 में हुई अवैध नियुक्तियों की भी हो निष्पक्ष जांच: आप

बीजेपी सरकार प्रेमचंद अग्रवाल व पूर्व में रहे विधान सभा अध्यक्षों पर क्यों नहीं कर रही कार्यवाही : अमित जोशी

देहरादून 23 दिसंबर, गढ़वाल का विकास डॉट कॉम। आम आदमी पार्टी के प्रदेश मीडिया प्रभारी अमित जोशी ने आज एक बयान जारी कर विधानसभा भर्ती घोटाले में भारतीय जनता पार्टी की सरकार पर उत्तराखंड की जनता व युवाओं के साथ कुठाराघात करने का आरोप लगाया।

उन्होंने कहा की जीरो टॉलरेंस का दावा करने वाली बीजेपी सरकार 2016 से 2022 तक अवैध तरीके से भर्ती हुवे लगभग 228 कर्मचारियों को विधान सभा से बाहर कर अपनी पीठ थपथपा रही है पर जो अन्य कर्मचारी विधान सभा में कार्यरत हैं उन्हे विधिक राय लेने का बहाना बनाकर बचाने का प्रयास कर रही है. उन्होंने आरोप लगाया की क्या जिन कर्मचारियों को सरकार बचा रही है वह मन्त्री विधायको या अधिकारियों के करीबी है?

आप के मीडिया प्रभारी ने कहा की विधान सभा अध्यक्षा ऋतु खंडूरी द्वारा की गई कार्यवाही संतुष्ट करने वाली नही है क्योकि देखने में आया है की उत्तराखण्ड गठन के समय से ही विधान सभा में नियम विरुद्ध नियुक्तियां की गई और अब तो सर्वोच्च न्यायलय द्वारा भी विधान सभा की नियुक्तियों को अवैध करार दे दिया गया है तो क्यों सरकार 2001 से 2016 तक नियुक्तियां पाए कर्मचारियों की जाँच करने में हिलाहवाली कर रही है उन्होंने कहा की क्या सरकार अपने आप को सर्वोच्च न्यायलय से बड़ा समझने लगी है।

उन्होंने कहा की सरकार कर्मचारियों के साथ उन लोगों पर भी कार्यवाही करे जो ये अवैध नियुक्तिया करवाने के अपराध में शामिल थे उनमें पिछले 22 सालों में जीतने भी विधान सभा अध्यक्ष रहे हो उनमें भाजपा से कॉग्रेस में गए यशपाल आर्य हो गोविंद सिंह कुंजवाल हो या फिर प्रेम चन्द अग्रवाल या कोई सरकार में बड़े से बड़ा अधिकारी ही क्यों ना हो जीरो टॉलरेंस की बात करने वाली सरकार जीरो टॉलरेंस की निति पर ही काम करे और प्रदेश के युवाओं के सामने एक मिसाल पेश करे।

उन्होंने कहा कि युवा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी युवाओं के दुश्मन बने हुए हैं उनके इशारे पर ही रितु खंडूरी द्वारा यह सब स्वांग रचा गया किंतु अपने मंत्री नेताओं पर किसी प्रकार की कोई कार्यवाही नहीं की गई उन्होंने कहा कि दूसरी ओर कांग्रेस की बात करें तो उसने भी इस मामले से पल्ला झाड़ने का ही काम किया है अपने पूर्व विधानसभा अध्यक्ष गोविंद सिंह कुंजवाल पर कोई कार्यवाही नहीं की इसलिए यह कहना अनुचित नहीं होगा कि कांग्रेस-भाजपा ने मिलकर अपने परिवारवाद भाई भतीजावाद को आगे बढ़ाते हुए उत्तराखंड को लूटने का काम किया है .

अंत में उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी यह मांग करती है कि कांग्रेस और भाजपा दोनों ही अपनी पार्टियों के पूर्व विधानसभा अध्यक्षों को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाते हुए सख्त से सख्त कार्रवाई करें और राज्य गठन के उपरांत 20010 से 2016 तक सभी अवैध भर्तियो की तथा भर्तियां करवाने वालों की निष्पक्ष जाँच कर अपराधियों को कड़ी से कड़ी सजा दिलवाएं तभी उत्तराखंड के युवाओं के साथ न्याय हो सकता है।

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