प्रदेश के पत्रकारों को फ्रंट लाइन वर्कर घोषित करने की मांग

उत्तराखंड पत्रकार महासंघ ने CM को भेजा मांग पत्र*

देहरादून, (गढ़वाल का विकास न्यूज)। प्रदेश में कोरोना संक्रमण बढ़ता ही जा रहा है, साथ ही कई बीमारियां भी लगातार पनप रही है इसके बावजूद अपने जीवन को खतरे में डालकर उत्तराखण्ड में सक्रिय पत्रकारिता कर रहे मीडिया कर्मियों को सरकार की तरफ से अभी तक कोई राहत सहायता मिल नही पा रही है जबकि राज्य में पुलिसकर्मी व राज्यकर्मचारियों को पहले ही फ्रंटलाइन वर्कर घोषित कर दिया गया है। बावजूद इसके राज्य से जुड़े हमारे पत्रकार साथी सूचना व समाचारो के कार्यो में लगकर अपने फर्ज को अंजाम दे रहे है परन्तु चिंता की बात ये है कि हमारे सक्रिय पत्रकार अभी तक फ्रंट लाइन वर्कर घोषित नही हो पाए है।

उत्तराखण्ड पत्रकार महासंघ के प्रदेश सचिव सुभाष कुमार ने पत्रकार हितों को ध्यान में रखते मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत को एक मांग पत्र भेजकर राज्य के पत्रकारों को पुलिस कर्मियों की भांति फ्रंट लाईन वर्कर घोषित किये जाने की मांग की है।

*निम्नलिखित मांग पत्र इस प्रकार है* –

1. पत्रकारिता के दौरान कोरोना की चपेट में आकर जो पत्रकार अपनी जीवन लीला समाप्त कर चुके है उन्हें फ्रंट लाईन वर्कर घोषित करते हुए उनके परिवारों के भरण पोषण के लिए 50,00000 (पचास लाख) रुपये की धनराशि स्वीकृत की जाए।

2., जो पत्रकार कोरोना पॉजिटिव हुए है उनका विशेष रूप से ख्याल रखा जाए और इस बात की पुष्टि की जाती रहे कि उनके इलाज व दवाई में कोई कमी ना आये।

महासंघ ने कहा कि राज्य से जुड़े हमारे पत्रकारों को कर्मचारियों की भांति फ्रंट लाईन वर्कर घोषित कर दिया जाता है तो राज्य में सरकार का संक्रमण बचाव अभियान स्वत: ही सफल हो जाएगा।

इस वक्त विषम परिस्थितियों का दौर है मुख्य मंत्री को चाहिए कि पत्रकार हितों को ध्यान में रखते हुए वे उनके अधिकारों का सम्मान करें।

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