– कृषि उत्पादन बढ़ाने और ग्रामीण विकास के लिए केंद्रीय मंत्री ने की उत्तराखंड की सराहना,
– केन्द्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने की कृषि एवं ग्रामीण विकास विभाग की समीक्षा
देहरादून, गढ़वाल का विकास डॉट कॉम। केन्द्रीय कृषि एवं कृषक कल्याण तथा ग्रामीण विकास मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने सोमवार को मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी के साथ मुख्यमंत्री आवास देहरादून में कृषि एवं ग्रामीण विकास विभाग की केन्द्रीय योजनाओं की समीक्षा की। बैठक में उत्तराखंड के कृषि मंत्री श्री गणेश जोशी, राज्य आपदा प्रबंधन सलाहकार समिति के उपाध्यक्ष श्री विनय रोहिला भी उपस्थित थे।
केन्द्रीय कृषि एवं कृषक कल्याण तथा ग्रामीण विकास मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि किसानों तक वैज्ञानिकों की पहुंच सुनिश्चित कराए जाने के लिए वैज्ञानिकों की 2 हजार टीमें बनाई जा रही हैं। वैज्ञानिकों की टीमें देश के प्रत्येक जनपद में जाकर वहां की भौगोलिक परिस्थितियों के हिसाब से उत्पादन में वृद्धि, किसानों को आधुनिक खेती और तकनीकी से जोड़ने, कृषि और बागवानी से जुड़े विभिन्न आयामों के बारे में जानकारी देंगी। उन्होंने कहा कि कृषि और ग्रामीण विकास के क्षेत्र में उत्तराखंड में अच्छा कार्य हो रहा है। राज्य में कृषि का क्षेत्रफल घटा है, लेकिन उत्पादन बढ़ा है। उन्होंने कहा कि राज्य में कृषि के क्षेत्र में लंबी अवधि की कार्ययोजना पर कार्य किया जाए, इसके साथ ही राज्य में तात्कालिक रूप से कृषि के क्षेत्र में जो कार्य होने हैं, उनके लिए भारत सरकार से जो अपेक्षा है, उसका प्रस्ताव भेजा जाए।
केंद्रीय कृषि मंत्री ने इस अवसर पर कहा कि उत्तराखंड के यशस्वी, कर्मठ और कल्पनाशील मस्तिष्क के धनी मुख्यमंत्री श्री पुष्कर धामी के नेतृत्व में उत्तराखंड अद्भुत प्रगति और विकास कर रहा है, प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के सबका साथ, सबका विकास और सबके विश्वास के मूलमंत्र को अपनाते हुए चाहे वो इंफ्रास्ट्रक्चर का सवाल हो, चाहे खेती का मामला हो, ग्रामीण विकास हो, प्रधानमंत्री आवास के मकान हो, प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना का बेहतर क्रियान्वयन हो या आजीविका मिशन के माध्यम से महिला सशक्तिकरण का काम हो, यहां तेजी से दीदियां आगे बढ़ रहीं हैं और लखपति दीदी बन रहीं हैं।
उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में कृषि के क्षेत्र में अद्भुत काम हुआ है। बढ़ती हुई जनसंख्या के कारण जब नया राज्य बना तो खेती क्षेत्रफल में कम हो गई, लेकिन उत्पादन लगातार बढ़ता जा रहा है इसके लिए मुख्यमंत्री श्री पुष्कर धामी जी को श्री चौहान ने बधाई दी।उन्होंने कहा कि , राज्य के ग्रामीण विकास और कृषि मंत्री भी लगातार इन कामों को गति दे रहे हैं।
श्री शिवराज चौहान ने कहा कि बैठक में कई विषयों पर सार्थक चर्चा हुई। उन्होंने कहा, ”मुझे बताते हुए खुशी है, कई एक्सीलेंट आइडियाज यहां से मिले जैसे ग्रामीण विकास के क्षेत्र में उत्तराखंड ने अपनी इच्छा व्यक्त की ‘हाउस ऑफ हिमालयाज’ को एक एंकर संस्थान के रूप में स्थापित किया जाए, यह बहुत सराहनीय विचार है और हमने तय किया है कि चाहे महिलाओं द्वारा संचालित सेल्फ हेल्प ग्रुप हो, एफपीओज हो उनके गठन से लेकर एसएजी उत्पादन के एकत्रीकरण, ब्रांडिंग, मार्केटिंग, जीआईटेक और फिर जो यहां की फसलें हैं चाहे वो लाल चावल हों, फिंगर, बाजरा हो, जंगली शहद हो इनकी पहुंच को हम कैसे जनता तक बढ़ाएं, इसके लिए ग्रामीण विकास विभाग, हमारा एनआरएलएम एक उपयुक्त टीम भेजेगा और राज्य सरकार के साथ मिलकर इस विचार को जमीन पर क्रियान्वित करेगा ताकि जो विशिष्ट उत्पाद है उनके लिए देश और दुनिया को हम बाजार बना सकें उनकी पहुंच वहां तक बढ़ा सकें और इस काम में लगे भाई और बहनों की आय बढ़ सके”।
श्री चौहान ने जानकारी देते हुए बताया कि ग्रामीण विकास के लिए भी अभी प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास के रूप में 2018 के आवास प्लस की जो सूची थी उनको सबको आवास प्रदान किए जा चुके हैं , लेकिन अब चाहे वो पहाड़ों पर रहने वाले भाई-बहन हों या मैदानों में रहने वाले भाई-बहन हों इसके लिए एक व्यापक सर्वे होगा ताकि जो कच्चे आवासों में भी रह रहे हों उनको पक्का मकान प्रदान किया जा सके। उन्होंने कहा कि एक लाख से ज्यादा लाभार्थी चिन्हित हुए हैं तो प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना के अंतर्गत चरणबद्ध तरीके से उनको आवास प्लस प्रदान किए जाएंगे, अभी कई बसावटें ऐसी बचीं हैं जो प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना से नहीं जुड़ीं हैं, प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के चौथे चरण में इन सब बसावटों को सम्मिलित कर लिया जाएगा और लखपति दीदी अभियान जो प्रधानमंत्री जी का संकल्प है कि हर बहन को लखपति बनाना है उसमें उत्तराखंड सरकार बहुत तेजी से काम कर रही है, उसके लिए भी जितनी आवश्यक है धनराशि यहां प्रदान की जाएगी, कौशल विकास में भी हम यहां कोई कसर नहीं छोड़ेंगे।
*घेरबाड़ योजना के लिए चरणबद्ध तरीके से मांगा प्रस्ताव*
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कृषि और बागवानी से संबंधित विभिन्न गतिविधियों के लिए केन्द्रीय कृषि एवं कृषक कल्याण मंत्री से सहयोग के लिए अनुरोध किया। राज्य में जंगली जानवरों से सुरक्षा के लिए घेरबाड़ के लिए लगभग 1 हजार 53 करोड़ रुपये की मांग पर केन्द्रीय कृषि मंत्री ने कहा कि इसके लिए चरणबद्ध तरीके से प्रस्ताव भेजे जाएं। कृषि यंत्रीकरण को प्रोत्साहन हेतु 1 हजार फार्म मशीनरी बैंक की स्थापना के लिए 400 करोड़ रुपये की मांग पर उन्होंने कहा कि पहले चरण की धनराशि खर्च करने के बाद दूसरे चरण में धनराशि दी जाएगी। राज्य बीज उत्पादन संस्था को दलहन, तिलहन और सीड हब बनाने के लिए उन्होंने सहयोग का आश्वासन दिया। राज्य में सेब की अति सघन बागवानी के लिए 1150 करोड़ की धनराशि का सहयोग मांगे जाने पर केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि इसकी वार्षिक कार्ययोजना का प्रस्ताव बनाकर भेजा जाए।
*कीवी मिशन में भी मिलेगा सहयोग*
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि झंगोरा राज्य में मुख्य पारम्परिक फसल है, जो 38 हजार हेक्टेयर क्षेत्रफल में उत्पादित की जा रही है, इसलिए किसानों के हित में मंडुआ की तर्ज पर झंगोरा के लिए भी न्यूनतम समर्थन मूल्य घोषित किया जाना चाहिए। इस पर केंद्रीय मंत्री ने सकारात्मक होकर विचार करने का भरोसा दिलाया। केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि कीवी मिशन के तहत राज्य में सेंटर ऑफ एक्सीलेंस बनाने के लिए सहयोग दिया जाएगा। शहद, मशरूम और एग्जोटिक वेजिटेबल के लिए सेंटर ऑफ एक्सीलेंस हेतु भी पूर्ण सहयोग का उन्होंने आश्वासन दिया। ड्रैगन फ्रूट मिशन और हिमालयन एकेडमी फॉर कैपेसिटी बिल्डिंग एंड रूरल एंटरप्राइजेज फॉर एग्री एंड एलाइड के लिए सहयोग मांगे जाने पर उन्होंने हर संभव सहयोग का आश्वासन दिया। केन्द्रीय कृषि मंत्री ने कहा कि बैठक में राज्य की ओर से जो सहयोग मांगा गया है, उन सभी कार्यों को तेजी से आगे बढ़ाया जाएगा। उन्होंने राज्य सरकार द्वारा जैविक उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए किए गए प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा कि जैविक उत्पादों की ब्रांडिंग के साथ मार्केटिंग पर भी विशेष ध्यान दिया जाए।
*हाउस ऑफ हिमालयाज को मिले वैश्विक स्तर पर प्रोत्साहन*
ग्राम्य विकास की योजनाओं की समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री ने केन्द्रीय मंत्री से अनुरोध किया कि हाउस ऑफ हिमालयाज लिमिटेड को ग्रामीण से वैश्विक स्तर तक ले जाने के लिए मान्यता मिले। हाउस ऑफ हिमालयाज को जी.आई. टैग करने और इससे जुड़े महिला स्वयं सहायता समूहों को सशक्त करने के लिए सहयोग दिए जाने तथा हिमालयन ग्रामीण बैंक का निर्माण एवं प्रीमियम सप्लाई चेन विकास के लिए अनुरोध किया। केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार की ये सभी पहलें बहुत महत्वपूर्ण हैं। इन पहलों को राष्ट्रीय स्तर तक ले जाने के लिए केन्द्र से कृषि और ग्रामीण विकास विभाग की टीम आकर राज्य के साथ कार्य कर विस्तृत योजना बनाएगी।
*मनरेगा मजदूरी बढ़ाने की पैरवी*
मुख्यमंत्री ने मनरेगा के तहत मजदूरी दर बढ़ाने का केन्द्रीय मंत्री से अनुरोध किया। केन्द्रीय मंत्री ने मजदूरी दर में बढ़ोतरी के लिए राष्ट्रीय स्तर पर सभी पहलुओं पर विचार कर कार्यवाही किए जाने की बात कही। प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के तहत आवास निर्माण के लिए अनुदान राशि 1 लाख 30 हजार से बढ़ाकर 2 लाख रुपये किए जाने की मांग की। उन्होंने कहा कि राज्य के सुदूरवर्ती क्षेत्रों में परिवहन लागत अधिक लगती है। केन्द्रीय मंत्री ने हिमालयी राज्यों की विषम भौगोलिक परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए इस पर कार्यवाही किए जाने का आश्वासन दिया। पीएमजीएसवाई के चौथे चरण के लिए 600 किमी लंबाई की 100 से अधिक परियोजनाओं के लिए स्वीकृति प्रदान किए जाने के अनुरोध पर उन्होंने कहा कि इसकी स्वीकृति जल्द दी जाएगी।
बैठक में मुख्य सचिव श्री आनंद वर्द्धन, प्रमुख सचिव श्री आर. मीनाक्षी सुंदरम, सचिव श्रीमती राधिका झा, श्री चंद्रेश यादव, श्री एस.एन. पांडेय, श्री रणवीर सिंह चौहान, कुलपति पंतनगर विश्वविद्यालय डॉ. मनमोहन सिंह चौहान, भरसार विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. प्रमेंद्र कौशल, भारत सरकार से अपर सचिव श्री आर. आनंद, संयुक्त सचिव श्री अमित शुक्ला और संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।