ग्राहक की शिकायतें ब्रांड इक्विटी को मजबूत करने में निभाती हैं अहम भूमिका: आकाश चैधरी

ग्राहकों की सेवा करने वाले संगठन के सीईओ के रूप में, मैं पिछले एक दशक से ग्राहकों की शिकायतें और उलाहना सुन रहा हूं।वर्षों के अनुभव से पता चला है कि शिकायतें हमेशा आपकी कंपनी की कमजोरी या बेकार हो चुके अवसरों का परिचायक नहीं होती है।लेकिन समय के साथ और फिर से यह साबित हो गया है कि अगर सही तरीके से काम किया जाता है, तो ग्राहक की शिकायतें आपके ब्रांड को आगे बढ़ाने के लिए एक सुनहरा मौका प्रदान करती हैं और कई बार व्यापार को नया विस्तार करने का अवसर प्रदान करती हैं। जब शिक्षा सेवाओं की बात आती है, तो शिकायतों को बहुत सावधानी और ध्यान के साथ निपटारा करने की आवश्यकता होती है क्योंकि वे न केवल ग्राहक के अनुभव को प्रभावित करते हैं, बल्कि छात्रों के भविष्य के कैरियर की संभावनाओं को भी प्रभावित कर सकते हैं।इस उद्योग में बहुत अधिक संघर्ष से षिकायतों और नकारात्मकता से निपटने की आवश्यकता होती है। यह काम कभी आसान नहीं रहा है। सभी चुनौतियों के बावजूद, हमें कई ग्राहकों के अनुभव से अवगत कराया जा रहा है, जिसने मुझे मानव व्यवहार के बारे में बहुत कुछ सीखने में सक्षम बनाया है।आज मजबूत ब्रांड इस बात की गहरी समझ के आधार पर बनाये जाते हैं कि उपभोक्ता स्थितियों के प्रति कैसा व्यवहार करते हैं और कैसी प्रतिक्रिया करते हैं। ग्राहकों की शिकायतों को हल करते समय मैंने कई सबक सीखे हैं, जो ब्रांड आकाश पर विश्वास को मजबूत करने में हमारी मदद करने में महत्वपूर्ण साबित हुए हैं। ईमानदारी ग्राहक की अवधारणा को सुनिश्चित करती है किसी भी संगठन को हर समय और अपनी कार्य प्रक्रिया के हर पहलू में ईमानदार और पारदर्शी होना पड़ता है, खासकर जब ग्राहक सेवा की बात आती है। ग्राहकों के लिए यह महसूस करना आवश्यक है कि आपकी अखंडता अक्षुण्ण है और आपकी मंशा सही है।ग्राहक की शिकायतों को हल करते समय, आपको स्पष्ट रूप से उस समस्या का समाधान करने की अपनी योजनाओं को स्पष्ट रूप से बताना चाहिए, कंपनी की किसी भी सीमा के बारे में भी बताना चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि ग्राहकों को समस्या के समाधान के सभी चरण से अवगत कराया जाए।यह याद रखना महत्वपूर्ण है कि ईमानदारी और पारदर्शिता ग्राहकों को उनकी अपेक्षाओं का उचित प्रबंधन करने में सक्षम बनाती हंै।कोई भी विपरीत दृष्टिकोण ग्राहकों की कल्पना पर खरा नहीं उतर सकता है, बल्कि इसके विपरीत भ्रम और निराशा पैदा कर सकता है। प्रोफेषनल को भावनाओं को अपने उपर हावी नहीं होने देना चाहिए उपभोक्ता के किसी भी टिप्पणी या षिकायत को व्यक्तिगत रूप से लेना या अपनी भावनाओं को नियंत्रित नहीं कर पाना, किसी व्यवसाय के लिए विनाशकारी साबित हो सकता है।जब कोई ग्राहक किसी सेवा के लिए भुगतान करता है, तो वह आम तौर पर स्वामित्व की भावना महसूस करता है और यदि उसकी अपेक्षाओं को पूरा नहीं किया जाता है, तो उसका उत्तेजित होना स्वाभाविक है।आपको यह ध्यान रखना होगा कि आप एक कार्य कर रहे हैं, जो आपकी और आपकी कंपनी की आजीविका मंे मदद करने वाले लोगों केलिए एक समस्या का सबसे अच्छा समाधान खोजने की कोशिश कर रहा है। कई बार लोग संवाद के लिए लिखित संदेश या ईमेल पर निर्भर करते हैं।हालाँकि, मेरी सलाह यह होगी कि आप दुःखी ग्राहक को तुरंत कॉल करें या उससे मिलें।ग्राहक तक सीधे पहुँचने से मदद करने की तीव्र इच्छा प्रदर्शित होती है।वास्तव में, ज्यादातर मामलों में, समस्या का आधा हल तभी हो जाता है जब ग्राहक को पता चलता है कि उसे सुना गया है।यह कभी भी व्यक्तिगत नहीं होता है और एक सच्चे प्रोफेषन को इसका एहसास बाद में होता है। विस्तार से ध्यान देना अमूल्य है एक रणनीतिक और सावधानीपूर्वक जांच प्रणाली होना व्यवसाय और ग्राहक दोनों के लिए फायदेमंद होता है।जैसा कि वे कहते हैं कि ईश्वर हर जगह है, एक बार जब आप किसी समस्या को चरण दर चरण हल करने की कोषिष करते हैं, तो समस्या का स्वरूप, दायरा और क्षेत्र स्पष्ट हो जाता है, जिससे प्रभावी समाधान होने की गंुजाइष होती है।कई बार, संचार और समझ का अंतर होता है, जो जटिलताओं को जन्म देता है।स्वच्छता के ये बुनियादी कदम- हर चीज का गहराई से अध्ययन करने, अंदर की स्थिति की जांच करने, सिर्फ धारणाएं बनाने के लिए नहीं, बल्कि अंततः आपको सही निर्णय लेने में मदद करेंगे।क्रोधित ग्राहक चाहते हैं कि आप उनकी बात ध्यान से सुनें, इसलिए यदि आप उन्हें यह दिखाते हैं कि आपने व्यापक रूप से उस स्थिति की जांच की है, तो उन्हें लगता है कि उनकी बात सुनी गई है और वे सहज महसूस करते हैं।एक टेम्प्लेटेड ईमेल प्राप्त करने से बदतर कुछ भी नहीं है जिससे ग्राहक ऐसा महसूस करते हैं जैसे उन पर व्यक्तिगत ध्यान नहीं दिया जा रहा है। किसी ग्राहक को कभी भी नजरअंदाज नहीं करना चाहिए जैसा कि कहावत है ग्राहक राजा होता है।उन्हें आपकी सभी व्यावसायिक रणनीति में सबसे आगे होना चाहिए, खासकर जब उनकी शिकायतों को सुनने की बात आती है।ग्राहकों की उपेक्षा करना केवल अपमानजनक नहीं है, बल्कि आपकी समग्र सफलता के लिए यह घातक है।ग्राहक की शिकायत कभी छोटी या तुच्छ नहीं होती, यही वह फिलाॅस्फी है जिसके साथ आपको काम करना चाहिए।जैसा कि कहा गया है कि अगर समय पर मरहम लगाया जाए तो बड़ा से बड़ा जख्म भी भर जाता है। यह सुनिश्चित करें कि कोई भी समस्या जो उठी है, वह पूरी तरह से खत्म हो।कई बार जो षिकायतें आती है, उसमें कई विभाग शामिल हो जाते हैं, जिसके कारण ज्यादातर समय ग्राहकों को अतिरिक्त और अनावश्यक ठोकरें खाना पड़ सकता है।इसके अलावा, किसी भी मामले को पूरी तरह से बंद करने के लिए, ग्राहक से संतोषजनक पुष्टि प्राप्त करने के बाद ही किसी कार्य को पूरा समझा जाना चाहिए। (लेखक आकाश एजुकेशनल सर्विसेज लिमिटेड (एईएसएल) के निदेशक और सीईओ हैं)

फैशन इंडस्ट्री और ग्राहकों की सोच को बदल रहा है डिजिटल फैशन

समय के साथ टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में काफी प्रगति हुई है।हर रोज लोगों और वैज्ञानिकों के द्वारा इंटरनेट के माध्यम से नए इनोवेशन्स का हम सब के बीच शेयर किया जाता है।फैशन इंडस्ट्री भी अपनी विनिर्माण और पोस्ट-प्रोडक्शन के लिए टेक्नॉलजी का इस्तेमाल कर रही है।ऐसी ही एक लेटेस्ट तकनीक के बारे में हम बताने जा रहें जो फैशन इंडस्ट्री में लोगों के बीच रूचि का विषय बना हुआ है। डिजिटल फैशन आदर्श रूप से फैशन और सूचना प्रौद्योगिकी का एक रूप है।लेकिन कार्बन फुटप्रिंट की स्थिरता और हाल की आवश्यकता ने डिजिटल रूप से उत्पन्न कपड़ों की अवधारणा को जन्म दिया है।फैशन और तकनीक के बीच का अंतर केवल डिजाइन तक सीमित नहीं है, बल्कि डिजाइन के बाद उत्पादन और ग्राहकों के जरूरत अनुसार उनमें बदलाव किया जाता है, जो लेटेस्ट ट्रेंड्स वाले  एन्वॉयरमेंटल फ्रेंडली कपड़े चाहते हैं।ऑनलाइन प्लेटफार्म पर मिलने वाले लिस्ट किए गए डिजिटल कपड़े ऐसे हैं, जो असल जिंदगी में आपको शायद ही देखने को मिलेंगे,मगर फिर भी आप उसे खरीद कर उसका इस्तेमाल कर सकेंगे । जब सीजीआई द्वारा जेनरेट कर पहली डिजिटल इन्फ्लुएंसर Miquela को लॉन्च किया गया था, तब लोगों ने इस आईडिया का मजाक उड़ाया और इसे बेकार बताया था, लेकिन इंस्टाग्राम पर एक मिलियन से अधिक फॉलोअर्स के जुड़ने के बाद, लोगों ने यह समझा की यह दुनिया पंरपरागत तरीकों से हटकर टेक्नोलॉजी को गले लगाने के लिए तैयार है।इस डिजिटल फैशन के दुनिया में कूदने वाला पहला डिजाइन हाउस बाल्मेन था, जिसने ब्रिटिश फोटोग्राफर कैमरन-जेम्स विल्सन द्वारा अपने अभियान के लिए बनाए गए तीन सीजीआई जनरेटेड रोबोट्स मार्गोट, जॉर्ज और शुडू को कास्ट किया।शूडू की कास्टिंग ने विवाद पैदा किया था लेकिन फैशन से जुड़े लोगों ने अपना ध्यान फैशन और तकनीक के बीच कम होती दूरीयों पर लगाया, विशेष रूप से लग्जरी फैशन पर। यह न केवल रोबोट और सीजीआई  के माध्यम से लाई गई डिजिटल फैशन क्रांति है , बल्कि लोगों द्वारा सोशल मीडिया जैसे इंस्टाग्राम पर अपने नए फोटो अपलोड करने की चाहत भी डिजिटल फैशन को बढ़ावा दे रहा है।हर समय अगर लोग नए ट्रेंड्स के मुताबिक कपड़े लेने लेगे तो  कपड़ो की खपत बढ़ जाएगी, इसी समस्या से निपटने के लिए डिजिटल कपड़ों को पेश किया गया है।पिछले साल स्कैंडिनेवियाई ब्रांड डार्लिंग्स ने एक कलेक्शन लॉन्च किया था, जो एक डिस्क्लेमर के साथ आया था,  ष्आपको ये कलेक्शन फिजिकल रूप से नहीं मिलेगाष्,।इस डिस्क्लेमर को पढ़कर  ग्राहक दुविधा में  आ गए थे, लेकिन ये अभियान  डिजिटल  फैशन को बढ़ावा देने के लिए चलाया गया था, ताकी लोग कपड़ों के अधिक इस्तेमाल न करते हुए भी डिजिटली नए ट्रेंड के साथ जुडें रहें। सोशल मीडिया के आने के कारण लोगों में फैशन के प्रति लोगों की रूचि बढ़ गई है।आज फैशन सिर्फ कुछ लोगों तक सीमित रहने के बजाये लोगों के अभिव्यक्ति का रूप बन गया है।आज लोग पहले से कहीं ज्यादा फैशन को अपना कर, अपने स्टाइल स्टेटमेंट की वजह से सोसाइटी में अपनी अलग पहचान बना रहे हैं।स्लो फैशन और माइक्रो-इन्फ्लुएंसर्स  दो अलग श्रेणियां हैं जो फैशन इंडस्ट्री को एनवायर्नमेंट फ्रेंडली बनाने की कोशिश करती रहती हैं।डिजिटल फैशन, फैशन इंडस्ट्री को एन्वॉयरन्मेंट फ्रेंडली बनाने में मदद कर सकता हैं।ऐसी चीज जिसका आप भौतिक रूप से सुख नहीं उठाते फिर भी उस पर खर्च करना कोई नई बात नहीं है, गेमिंग इंडस्ट्री से जुड़े लोग इसी कांसेप्ट के माध्यम से सालों से कमा रहे है, जबकि फैशन इंडस्ट्री ने इस प्लेटफॉर्म पर आने में कुछ देरी कर दी हैं। फैशन के प्रति दीवानगी रखने वाले लोग अपने आउटफिट्स  के साथ परफेक्ट शॉट पाने के लिए अच्छे लोकेशन की तलाश में लंबी दूरी तय करते है। सिर्फ एक बार पहना वो आउटफिट, अन्य सामानों के ढेर में कही खो जाता है और उसका दोबारा उपयोग नहीं किया जाता।हमेशा नए कपड़ो और फैशनेबल दिखने की चाहत ने ही फैशन इंडस्ट्री  को  डिजिटल फैशन की ओर अग्रसर किया है।लोग इस बात से परेशान हो सकते है कि डिजिटल रूप से खरीदे गए कपड़ों को वह फिजिकली नहीं पहन सकते, लेकिन सिर्फ छोटी राशिका भुगतान कर हम डिजिटल रूप से नए कपड़े पहन फैशनेबल दिख सकते है, जिसके लिए हमें पहले हजारों रूपए खर्च करना पड़ता था।कार्लिंग्स एकमात्र रिटेलर नहीं हैं जिन्होंने डिजिटल कलेक्शन को लॉन्च किया है।एम्स्टर्डम आधारित लेबल द फैब्रिकेंट ने मई के महिने में न्यूयॉर्क में ब्लॉकचैन समिट में लगभग दस हजार डॉलर में पहली डिजिटल कॉट्योर ड्रेस की नीलामी की।सोशल मीडिया पर इस्तेमाल करने के लिए, इस डिजिटल क्लॉथ को इस क्लॉथ के मालिक के पत्नी की तस्वीर पर डिजिटल रूप से यूज किया गया था। यह भी कहना गलत होगा कि डिजिटल फैशन के माध्यम से हम फैशन इंडस्ट्री को सबसे प्रदूषित उद्योगों कि सूची से बाहर निकाल सकते है। लेकिन डिजिटल फैशन के माध्यम से हम फैशन इंडस्ट्री में प्रदुषण को खत्म करने कि एक पहल की शुरूआत कर सकते है।कार्लिंग के डिजिटल संग्रह के तुरंत बिक जाने के बावजूद, अगर लोग यह सोच रहे कि निकट भविष्य में यह तरीका स्वीकार्य नहीं होगाऔर डिजिटल फैशन में लोग रूचि नहीं दिखाएगें, तो लोग डिजिटल फैशन की क्षमता को कम कर के आंक रहे हैं।लंदन कॉलेज ऑफ फैशन में फैशन इनोवेशन एजेंसी के प्रमुख, मैथ्यू ड्रिंकवाटर के अनुसार, ष्डिजिटल फैशन हर फैशन इंडस्ट्री के भविष्यके बिजनेस मॉडल का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन जाएगा, फिर भी डिजिटल फैशन सब कुछ बदलने वाला नहीं है, लेकिन यह फैशन इंडस्ट्री का  महत्वपूर्ण हिस्सा बना रहेगा । लोग शुरू से ऑनलाइन गेम्स और डिजिटल आइटम्स पर पैसा खर्च करते आ रहें हैं।ग्लूमोबाइल ने अपने डिजिटल फैशन गेम कोवेट फैशन के बिक्री के माध्यम से पचपन मिलियन डॉलर से अधिक का लाभ कमाया।यदि लोग फैशन गेम पर बड़ी राशि खर्च करने को तैयार हैं, तो यह मान लेना गलत नहीं होगा कि वे डिजिटल फैशन को खुल कर अपनाएंगे। लेकिन अब सवाल यह नहीं है कि लोग खर्च करने को तैयार हैं या नहीं, बल्कि क्या डिजिटल कपड़ों को कपड़ों की अधिक खपत को रोकने के लिए एक समाधान के रूप में लेना चाहिए कि नहीं या कारीगरों द्वारा हस्तनिर्मित और प्राकृतिक रूप से निर्मित कपड़ों को उचित श्रेय दिया जाना चाहिए, जिसके वे योग्य हैं? सुश्री रूपल दलाल- कार्यकारी निदेशक -जेडी इंस्टीट्यूट ऑफ फैशन टेक्नोलॉजी

“”जीव बद्ध होने से मुक्त हो सकता है परन्तु ईश्वर नहीं बन सकता””

सत्यार्थप्रकाश के द्वादश समुल्लास में चारवाक, बौद्ध व जैन मत की असत्य मान्यताओं के खण्डन तथा…

ईश्वर सृष्टि की रचना व संचालन क्यों व किसके लिए करता है?’

मनुष्य, आस्तिक हो या नास्तिक, बचपन से ही उसके मन में सृष्टि व इसके विशाल भव्य…

क्या वाकई दुनिया को कुछ सिखा सकता है भारत

उन्नीसवीं सदी में शिकागो की धर्म संसद में स्वामी विवेकानंद के ओजस्वी भाषण से लेकर हालिया…

बारिश में होने वाली समस्याऐं और उनके निवारण

मॉनसून का आना और साथ में बारिश लाना चिलचिलाती गर्मी और उमस से राहत लेकर आते…

बदलता दौर और रिश्ते में दूरी

एक वो दौर था जब पति भाभी को आवाज़ लगाकर अपने आने की ख़बर पत्नी को…

सेहत को अपनायें ड्रग्स को नहीं

नशा व्यक्ति को शारीरिक, मानसिक आर्थिक तौर पर अपंग बना देता है। नशे से विकृत मानसिकता…

भूतहा मानी जाती है इस राज्य की ये दो जगह

प्रशासन भी नहीं देता यहां रात गए जाने की इजाजत आप भले इस बात पर विश्वास…

इस गांव में दशको से वर्जित है तंबाकू और सिगरेट

आप भले विश्वास न करे, लेकिन यह पूरी तरह से सच है। देश में एक ऐसा…