देहरादून (गढ़वाल का विकास न्यूज)। उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद द्वारा होमस्टे नियमावली में एक महत्वपूर्ण संशोधन करते हुए बगैर पंजीकरण के संचालित किए जा रहे होमस्टे पर जुर्माना लगाए जाने का प्रावधान किया गया है। इसके पश्चात बगैर पंजीकरण के संचालित हो रहे होमस्टे 10000 के जुर्माने से दंडनीय होंगे। यदि इस प्रकार का उल्लंघन जारी रहता है तो उल्लंघन करने वाले को 500 प्रतिदिन के जुर्माने से दंडित किया जाएगा।
सचिव पर्यटन दिलीप जावलकर ने कहा कि नियमावली में संशोधन इस उद्देश्य से किया गया है कि किसी भी प्रकार से संचालित की जा रही पर्यटन इकाइयों को विनियमित किया जा सके और राज्य में आने वाले पर्यटकों को पूर्ण संरक्षण प्राप्त हो सके। उन्होंने कहा कि इस नियम के बन जाने के पश्चात अवैध रूप से संचालित किए जा रहे होमस्टे के विरुद्ध विहित प्राधिकारी आवश्यक कार्रवाई कर सकेंगे और होमस्टे आदि में पर्यटकों के आवागमन को भी पंजीकृत किया जा सकेगा, जिसकी जानकारी पर्यटन विभाग को प्राप्त हो सकेगी। उन्होंने कहा कि नियमों का पालन न करने की दशा में दोषियों पर पुलिस कार्यवाही भी की जाएगी।
विदित है कि राज्य सरकार की योजना 2020 तक राज्य में 5000 होमस्टे पंजीकृत करवाने की है जिसके सापेक्ष अब तक लगभग 2000 से भी अधिक होमस्टे पंजीकृत हो चुके हैं।