सरकार ने लिये उधमसिंह नगर जिले में दर्ज 103 अपराधिक मुकदमें वापस

वापस लिये गये मुकदमों में गम्भीर अपराधों व नेताओं के विरूद्ध दर्ज मुकदमें शामिल
देहरादून। उत्तराखण्ड सरकार ने उत्तराखण्ड गठन से फरवरी 2018 तक न्यायालयों में चल रहे 103 अपराधिक मुकदमें वापस लिये हैं। इसमें गम्भीर अपराधों तथा विभिन्न पार्टियों के नेताओं के विरूद्ध दर्ज मुकदमें भी शामिल है। उक्त खुलासा सूचना अधिकार कार्यकर्ता नदीम उद्दीन को उपलब्ध करायी गयी सूचना से हुआ है।
सूचना अधिकार कार्यकर्ता नदीम उद्दीन ने अभियोजन निदेशालय से मुकदमों में सजा और रिहाई सम्बन्धी सूचना मांगी। इसके उत्तर में संयुक्त निदेशक अभियोजन कार्यालय उधमसिंह नगर के लोक सूचना अधिकारी/सहायक अभियोजन अधिकारी ने मुकदमें वापस लेने की सूचना उपलब्ध करायी है। उपलब्ध सूचना के अनुसार वर्ष 2000 से 2005 तक कोई मुकदमा वापस लेना नहीं दर्शाया गया है। इसके अतिरिक्त 2018 में फरवरी तक भी कोई मुकदमा वापस लेना नहीं दर्शाया है। वर्ष 2006 में एक मुकदमा थाना नानकमत्ता अन्तर्गत वापस लिया गया जिसमें नारायण पाल के विरूद्ध दर्ज मुकदमा शामिल है जबकि वर्ष 2007 में 12 मुकदमे थाना बाजपुर, काशीपुर व गदरपुर के अन्तर्गत वापस लिये गये जिसमें नरेन्द्र कुमार, अरविन्द पाण्डे, जगदीश पाण्डेय, महिपाल सिंह, राजेश गुम्बर, बन्टी, रविन्द्र बजाज, के विरूद्ध दर्ज मुकदमें शामिल है।
उपलब्ध सूचना के अनुसार वर्ष 2008 में 12 मुकदमे थाना गदरपुर, खटीमा, बाजपुर रूद्रपुर, नानकमत्ता व बाजपुर के अन्तर्गत वापस लिये गये जिनमें भाजपा कार्यकर्ता, कौशल कृशवाह, अरशद राही, अरविन्द पाण्डे, गोपाल सिंह राणा, संजय जुनेजा, प्रेम सिंह, दलजीत सिंह, युगल किशोर, भाजपा कार्यकर्ता, बलराज पासी के विरूद्ध दर्ज मुकदमें शामिल हैं। वर्ष 2009 में 5 मुकदमे थाना बाजपुर, खटीमा, पतंनगर, सितारगंज व रूद्रपुर के वापस लिये गये जिनमें अरशद राही, गोपाल सिंह, कमला पंत, हरीश चन्द्र व श्रमिक होण्डा पावर प्रा0लि0 के विरूद्ध दर्ज मुकदमें शामिल है। वर्ष 2010 में 15 मुकदमें थाना खटीमा, काशीपुर, रूद्रपुर, सितारगंज, बाजपुर व पंतनगर वापस लिये गये जिनमें दीनदयाल भुल्लर, सर्वेश शर्मा, राज दीपिका माथुर, अरवन्दि कुमार पाण्डे, अरूण कुमार, बलराज पासी, हरीश चन्द्र व मुन्ना सिंह चौहान के विरूद्ध दर्ज मुकदमें शामिल है।
उपलब्ध सूचना के अनुसार वर्ष 2011 मेें 3 मुकदमें थाना सितारगंज व पंतनगर वापस लिये गये जिनमें अरूण शुक्ला, डा0पी0एन0 सिंह व बलराज पासी के विरूद्ध दर्ज मुकदमें शामिल है। वर्ष 2012 मेें 7 मुकदमें थाना पंतनगर व रूद्रपुर वापस लिये गये जिनमें डा0 पी0एन0सिंह, रामलीला मंच, तिलकराज बेहड़, हरीश पनेरू, नसरीन कुरैशी, हिमांशु गाबा, श्रीमति मीना शर्मा, व ललित मिगलानी सभासद के विरूद्ध दर्ज मुकदमें शामिल है। वर्ष 2013 मेें 8 मुकदमें थाना बाजपुर, सितारगंज, किच्छा, पन्तनगर, खटीमा, रूद्रपुर व जसपुर वापस लिये गये जिनमें ललित मिगलानी सभासद, तौफिक व संजीव अरोरा के विरूद्ध दर्ज मुकदमें शामिल है। वर्ष 2014 मेें 10 मुकदमें थाना सितारगंज, किच्छा, रूद्रपुर, गदरपुर व जसपुर वापस लिये गये जिनमें नारायण पाल, सुशीला गाबा, राजेश शुक्ला, अब्दुल सतार, ठुकराल दास सुखीजा व रामबाबू मिश्रा के विरूद्ध दर्ज मुकदमें शामिल है।
उपलब्ध सूचना के अनुसार वर्ष 2015 मेें 6 मुकदमें थाना काशीपुर, पन्तनगर, सितारगंज, जसपुर, रूद्रपुर व कुण्डा वापस लिये गये जिनमें अब्दुल कादिर, विनोद राम, प्रकाष हल्दार, इसरार हुसैन, नूर अहमद व देबू आदि के विरूद्ध दर्ज मुकदमें शामिल है। वर्ष 2016 मेें 18 मुकदमें थाना काशीपुर, दिनेशपुर, रूद्रपुर, नानकमत्ता, खटीमा, सितारगंज, किच्छा व जसपुर वापस लिये गये जिनमें कालू, तारक छाबड़ा, ज्ञानी स्वर्ण सिंह, सतनाम सिंह, मन्नू चौधरी, दीपक चन्द्र, सलीम अहमद, अश्वनी अरोडा, संजय जुनेजा, कुवर सिंह खनका, गोपाल सिंह, तुलाराम उर्फ ताराचन्द्र नेताजी, अखलाख अहमद, हिमांशु शुक्ला, हरीश अरोड़ा, यशपाल घई व नत्थू लाल गुप्ता के विरूद्ध दर्ज मुकदमंे शामिल है। वर्ष 2017 मेें 8 मुकदमें थाना जसपुर, काशीपुर, किच्छा, खटीमा, रूद्रपुर व नानकमत्ता वापस लिये गये जिनमें मौ0 एहतेशाम, ओमप्रकाश, शशिबाला श्रीवास्तव, इरफानउलहक कादरी, हरपाल, राजकुमार ठुकराल व राजू उर्फ राजेश सिंह के विरूद्ध दर्ज मुकदमें शामिल है।
उपलब्ध सूचना के अनुसार इन वापस लिये गये मुकदमों में भारतीय दण्ड संहिता की धारा 302 (हत्या.), 307 (हत्या के प्रयास.), 306 (आत्महत्या को उकसाना.), 309 (आत्महत्या का प्रयास.), 311 (ठग होना.), 395, 397 (डकैती.), 323, 332, 333 (चोट.), 336 (जीवन को खतरनाक कार्य.), 341, 342, 343 (रास्ता रोकना व बन्दी बनाना.), 352, 353 (हमला.), 354 (स्त्री की लज्जा भंग को हमला.), 383 (रंगदारी.), 406, 409 (गबन.), 420, 421 (धोखाधड़ी.), 427, 435, 436 (सम्पत्ति को नुकसान, आग लगाना.), 467, 468, 471 (फर्जी दस्तावेज बनाना.), 447, 452 (जर्बदस्ती घर में घुसना.), 500 (मानहानि.), 504 (अपमान.), 506 (धमकी.), 511 (अपराध का प्रयास.), 153ए (वर्गों के बीच श़त्रुता फैलाना.), 295, 295ए (धर्म का अपमान.), 201(अपराध के सबूत छिपाना.) के अतिरिक्त बलवा व लोक शांति को नुकसान संबंधी धारा 142, 143, 145, 147, 148 व 149 तथा सरकारी कार्य में बाधा डालने व लाक सेवकों के विरूद्ध धारा 183, 186, 188, 198, 224, 225 के अपराध भी शामिल है। इसके अतिरिक्त चुनाव में भ्रष्ट साधन प्रसोग करने व रिश्वत आदि के भारतीय दण्ड संहिता की धारा 171 तथा लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 123, 135 व 136 के अन्तर्गत दण्डनीय अपराधों के मुकदमें भी इन वापस लिये गये मुकदमों में शामिल हैं।

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