वनों की गुणवत्ता और उत्पादकता बढाने को ठोस प्रयासों की आवश्यकता : मिश्रा

देहरादून। भारतीय वानिकी अनुसंधान एवं शिक्षा परिषद् द्वारा, पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, भारत सरकार की ओर से मंगलवार को वन अनुसंधान संस्थान, देहरादून के दीक्षान्तगृह में अर्तराष्ट्रीय वन दिवस 2019 का आयोजन किया गया। सभी प्रकार के वनों के मूल्यों, महत्व और योगदान के बारे में सार्वजनिक जागरूकता बढाने के लिए, अंतर्राष्ट्रीय वन दिवस दुनिया भर में मनाया जाता है।
इस वर्ष अंर्तर्राष्ट्रीय वन दिवस का विषय वानिकी और शिक्षाः वनों से प्रेम करना सीखें’ है जिसका उद्श्य सत्त वन प्रबंधन और जैव विविधता संरक्षण के लक्ष्यों को प्राप्त करने में सभी स्तरों पर शिक्षा के महत्व को बढावा देना है। कार्यक्रम की अध्यक्षता मुख्य अतिथि सी0 के मिश्रा, सचिव, पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा की गई। प्रसिद्व पर्यावरणविद् और मुख्य वक्ता पदम् भूषण चंडी प्रसाद भट्ट थेे। श्री साईबल दासगुप्ता, अतिरिक्त महानिदेशक (वन संरक्षण), पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, डा0 सुभाष आशुतोष, महानिदेशक, भारतीय वन सर्वेक्षण, देहरादून, डा0 वी0बी0 माथुर, निदेशक, भारतीय वन्य जीव संस्थान, देहरादून, श्री ओमकार सिंह निदेशक, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वन अकादमी, देहरादून, डा0 एस0सी0 गैरोला, महानिदेशक, भारतीय वानिकी अनुसंधान एवं शिक्षा परिषद्, देहरादून और श्री अरूण सिंह रावत, निदेशक, वन अनुसंधान संस्थान, देहरादून ने गणमान्य व्यक्तियों के रूप मे कार्यक्रम की शोभा बढाई।
मुख्य अतिथि तथा कार्यक्रम में सम्मिलित सभी गणमान्य व्यक्तियों का स्वागत करते हुए साईबल दास गुप्ता ने पर्यावरण संरक्षण और आर्थिक विकास के बीच में तार्किक संतुलन और इस दिशा में चल रहे प्रयासों की मंत्रालय की प्रतिबद्वता को रेखांकित किया। मुख्य अतिथि सी0के0 मिश्रा ने आह्वान किया कि वनों से आम आदमी को प्रभावी रूप में जोडने के लिए शिक्षित करने हेतु पुर्नविचार किया जाए और इस दिशा में सार्थक प्रयास किए जाएं। उन्होने यह भी कहा कि जागरूकता केवल जंगलों में और उसके आसपास के समुदाय तक सीमित नहीं होनी चाहिए बल्कि वनों के बाहर भी रहने वाले समुदायों में बनाई जानी चाहिए। भारत में सम्पूर्ण वानिकी बिरादरी के प्रयासों की सराहना करते हुए, जिसमें वनों को बढाने के लिए वनों के बाहर की भूमि पर पेड उगाने वाले लोग शामिल हैं, उन्होने वनों की गुणवत्ता और उत्पादकता को बढाने के लिए सभी से ठोस और समयकित प्रयासों की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होने पारम्परिक ज्ञान में विज्ञान का उपयोग करने, व्यावहारिक रूपरेखा तैयार करने और लोगों को शिक्षित करने की सलाह दी जिससे कि इन मद्दों पर काबू पाया जा सके।
प्रसिद्व पर्यावरणविद् और पद्मभूषण चण्डी प्रसाद भट्ट ने कहा कि बढती हुए जनसंख्या और उससे जुडी हुई विकास गतिविधियों के मद्देनजर वनों का महत्व पहले से कई गुना ज्यादा बढ गया है। जबतक जंगलों के विनाश के कारणों और परिणामों को ध्यान में नहीं लाया जाता है तब तक परिवर्तनकारी सोच नहीं बनाई जा सकती है। सम्भवतया हम जंगलों के साथ अपने पुराने पारम्परिक संबंधों को भूल गए हैं और इसे पुर्नजीवित करने की तत्काल आवश्यकता है। अतः आम आदमी को शिक्षित करना इस परिपे्रक्ष्य में अनिवार्य हो गया है। उन्होने आगे कहा कि भारत सरकार, वन विभाग, आई0सी0एफ0आर0ई0 और एफ0आर0आई0 जैसी संस्थाओं को लोगों को शिक्षित करने और संवेदनशील बनाने के लिए इस तरह के आयोजन करते रहने चाहिए तथा आदिवासियों और वन आश्रित समुदायों की आय बढाने के लिए प्रभावी नीति होनी चाहिए।
आई0सी0एफ0आर0ई0 के महानिदेशक डा0 एस0 सी0 गैरोला ने कहा कि वानिकी में यद्वपि बहुत से वैज्ञानिक और तकनीकी विकास हुए हैं तथापि अब समय आ गया है कि वानिकी से जुडे सभी लोगों को अंतरावलोकन करना चाहिए और आने वाली चुनौतियों का जायजा लेना चाहिए। समारोह को डा0 सुभाष आशुतोष, डा0 वी0वी0 माथुर और श्री ओमकार सिंह ने अतिथि वक्ताओं के रूप में सम्बोधित किया। मुख्य अतिथि द्वारा दो प्रकाशनों-’काॅफी टेबल बुक शीर्षक ’’नेचर्स केलिडोस्कोपः बायोडायवर्सिटी आॅफ न्यू फाॅरेस्ट कैम्पस’ तथा ’साईन्टिस्टस’ आॅफ आई0सी0एफ0आर0ई0 बायोडाटा’ का विमोचन भी किया गया। वैज्ञानिकों डा0 गिरीश चंद्रा, डा0 विनीत कुमार, डा0 एस0 एस0 चैहान, डा0 पंकज अग्रवाल, डा0 मधुमिता दासगुप्ता, और डा0 ए0 अरूणाचलम को वानिकी में उत्कृष्टता के लिए आई0सी0एफ0आर0ई0 उत्कृटता पुरस्कार प्रदान किया गया। अंर्तराष्ट्रीय वन दिवस के अवसर पर आयोजित की गई चित्रकला और निबंध प्रतियोगिता, फोटोग्राफी प्रतियोगिता और वादविवाद प्रतियोगिता के विजेताओं को भी पुरस्कृत किया गया। कार्यक्रम का समापन श्री अरूण सिंह रावत द्वारा दिए गए धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ।
इस अवसर पर एक प्रदर्शनी का मुख्य भवन के पीछे मैंगो ग्रोव में आयोजन किया गया जिसमें सरकारी, गैर संरकारी संगठनों और सरकार द्वारा प्रचारित वन उत्पादों, पर्यावरण के अनुकूल प्रौद्योगिकियों, प्रकाशनों, कलाकृतियों, जैविक उत्पादों और अन्य आजीविका विकल्पों का प्रदर्शन किया गया। समारोह के सभी आगंतुकों द्वारा प्रदर्शनी का निरीक्षण किया गया। 2019 के इस अंतर्राष्ट्रीय वन दिवस के अवसर पर प्रतिष्ठित गणमान्य व्यक्तियों द्वारा एफ0आर0आई0 के वनस्पति वाटिका में वृक्षारोपण भी किया गया। कार्यक्रम का संचालन डा0 मनीषा थपलियाल द्वारा किया गया।

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