आंकडों की बाजीगरी कर वित्त मंत्री ने घुमाकर नाक पकड़ने का किया काम
देहरादून। उत्तराखण्ड प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने केन्द्र की मोदी सरकार के अंतिम केन्द्रीय लेखनुदान बजट को दिशाहीन, प्रतिगामी, विकास अवरोधी तथा लोक लुभावन घोषणाओं से भरे आम आदमी के हितों के खिलाफ मंहगाई बढ़ाने वाला चुनावी बजट बताया है।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने केन्द्रीय लेखानुदान बजट पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि केन्द्र सरकार ने अपनी हठधर्मिता का परिचय देते हुए जो लेखानुदान बजट प्रस्तुत किया है वह दिशाहीन, प्रतिगामी, विकास विरोधी, लोक लुभावन, मंहगाई बढ़ाने वाला तथा देश की आर्थिक वृद्धि पर चोट पहुंचाने वाला चुनावी बजट है। देश के वित्त मंत्री ने लेखानुदान बजट में आंकडों की बाजीगरी कर घुमाकर नाक पकड़ने का काम किया है। कोरी घोषणाओं से भरे लेखानुदान बजट में वित्तीय प्रबन्धन का नितांत अभाव है तथा इस बजट से मंहगाई बढ़ने के साथ ही आम आदमी के सिर पर बोझ बढेगा। उन्होंने कहा कि बजट के प्रावधानों से विकास दर दहाई का आंकडा भी नहीं छू पायेगी और न ही रोजगार के अवसर बढ़ेंगे।
श्री सिंह ने कहा कि चुनावी वर्ष होने के कारण लेखानुदान बजट में मात्र घोषणाओं का अंबार लगाया गया है परन्तु उन्हें पूरा करने के लिए पैसा कहां से आयेगा इसका कोई उल्लेख नहंीं है। जीएसटी और नोटबंदी के नुकसान की भरपाई तथा आम जनता को मंहगाई से निजात दिलाने के लिए बजट में कोई प्रावधान नहीं किया गया है। बजट में नौजवानों के भविष्य की घोर उपेक्षा की गई है। लेखानुदान बजट से देश में रोजगार के अवसर घटेंगे, किसान, गरीब व आम आदमी के लिए इस बजट में कुछ भी नहीं है। नोटबंदी और जीएसटी से देश में कई हजार लघु उद्योग बन्द हुए, रीयल स्टेट सेक्टर में काम पूरी तरह से ठप्प हुआ तथा किसानो को उनकी उत्पाद लागत न मिलने के कारण कृषि क्षेत्र में भी रोजगार के अवसर न्यूनतम हुए हैं। इस प्रकार इन तीनों क्षेत्र में लगभग 6 करोड़ से अधिक लोग बेरोजगार हुए हैं। वित मंत्री ने अपने इस बजट में नये रोजगार के अवसर सृजित करने के लिए कोई प्रावधान नहीं किया और बेरोजगार हुए करोड़ों लोगों की पुर्नबहाली के लिए भी कोई प्रावधान नहीं किया।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष श्री सिंह ने केन्द्र सरकार के लेखानुदान बजट को पूॅंजीपतियेां को लाभ पहुंचाने वाला बताया है। उन्होंने कहा कि इनकम टैक्स छूट के किसी भी स्लैब मे कोई बढ़ोतरी नहीं की गई है जिससे कर्मचारियों को टैक्स छूट के रूप में कोई भी लाभ नहीं मिल पायेगा। महिलाओं, किसानों, बेरोजगार नौजवानों के लिए इस बजट में कोई विशेष प्रावधान नजर नही आता है। रोजगार के सृजन तथा महिलाओं के सशक्तीकरण एवं सम्मान की बात केवल मोदी जी के लच्छेदार भाषणों का हिस्सा मात्र है। आत्म हत्या के लिए मजबूर हो रहे किसानों को बरगलाने का काम किया गया है तथा उनके लिए बजट में किसी प्रकार की राहत नहीं दी गई है।