केदारनाथ धाम: अव्यवस्थाएं देख जिलाधिकारी का चढा पारा और फिर……

आम यात्री बन गौरीकुंड पहुंचेे थे जिलाधिकारी
देहरादून (गढ़वाल का विकास न्यूज)। केदारनाथ धाम की यात्रा के दौरान श्रद्धालु किस तरह अव्यवस्थाओं का सामना कर रहे है, इससे स्वयं जिलाधिकारी भी रूबरू हो गए। यात्री बनकर गौरीकुंड पहुंचे जिलाधिकारी अव्यवस्थाओं से इतने नाराज हुए कि उन्होंने अधिकारियों को स्थानांतरण व निलम्बन के साथ सुलभ इंटरनेशनल पर जुर्माना तक ठोक डाला। इस दौरान जिलाधिकारी ने साफ कहा कि यात्रा व्यवस्था में लापरवाही किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
विदित हो कि प्रशासन की ओर से तमाम व्यवस्थाएं सुनिश्चित करने के बावजूद केदारनाथ धाम की यात्रा पर आ रहे श्रद्धालुओं द्वारा व्यवस्थाओं के साथ ही अधिकारी-कर्मचारियों की कार्यशैली को लेकर सवाल उठाए जा रहे थे, जिससे देश-विदेश में चार धाम यात्रा को लेकर गलत संदेश जा रहा था। श्रद्धालुओं की शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए जिलाधिकारी रूद्रप्रयाग मंगेश घिल्डियाल स्वयं आम यात्री बनकर आधी रात के बाद केदारनाथ धाम के प्रमुख पड़ाव गौरीकुंड पहुंचे, तो हकीकत आंखे खोलने वाली थी। पड़ावों पर गंदगी से पटे शौचालय, पानी की सूखी टोटियां, पुलिस कर्मियों की लापरवाही देख जिलाधिकारी का पारा चढ़ गया।
अव्यवस्थाओं से नाराज जिलाधिकारी ने जहां गौरीकुंड के सेक्टर मजिस्ट्रेट का तबादला केदारनाथ कर दिया, वहीं जलसंस्थान के सहायक अभियंता और अवर अभियंता के निलंबन की संस्तुति कर डाली। जिलाधिकारी यहीं नहीं रूके, उन्होंने गौरीकुंड में शौचालय का हाल देख सुलभ इंटरनेशनल पर पांच लाख का जुर्माना ठोका। इसके अलावा डीएम ने पुलिस अधीक्षक को गौरीकुंड के चौकी प्रभारी को भी तत्काल हटाने की बात कही। जिलाधिकारी ने पूरी रात गौरीकुंड के घोड़ा पड़ाव पर यात्रियों के बीच गुजारी। दोपहर 12 बजे वह मुख्यालय लौटे। जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल ने बताया कि केदारनाथ मंे श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की दिक्कत न हो, इसके लिए प्रशासन ने इंतजाम किए हैं। बावजूद इसके उन्हें तमाम तरह की अव्यवस्थाओं की शिकायते मिल रही थी, इसलिए वह वह रविवार की रात गुप्तकाशी से निजी वाहन से निरीक्षण पर निकले।
जिलाधिकारी ने कहा कि उनके द्वारा सीतापुर, सोनप्रयाग और गौरीकुंड में यात्रियों से बातचीत बातचीत की गयी, जिस पर यात्रियों की ओर से पानी की सूखी टंकियों, गंदगी से पटे शौचालय और सोनप्रयाग से केदारनाथ तक चल रही शटल सेवा में अनियमितता की शिकायतें की गयी। इतना ही नहीं पुलिस की कार्यशैली को लेकर भी यात्रियों ने सवाल उठाये। जिलाधिकारी ने कहा कि श्रद्धालुओं की शिकायतों पर जब उनके द्वारा स्वयं निरीक्षण किया गया तो, शिकायतें सही पायी गयी। उन्होंने कहा कि अव्यवस्थाओं के लिए जिम्मेदार जल संस्थान के अवर अभियंता व सहायक अभियंता के निलंबन की संस्तुति करने के साथ ही जल संस्थान के अधिशासी अभियंता पर दस हजार का अर्थदंड भी लगाया गया।


डीएम ने यह भी बताया कि रात एक बजे से केदारनाथ के लिए घोड़ा.खच्चरों का संचालन शुरू हो जाता है। वह रात एक बजे से पहले गौरीकुंड पहुंच गए थे। इस दौरान पुलिस नदारद थी। नियमानुसार पुलिस के जवानों को एक बजे घोड़ा पड़ाव पर होना चाहिए था। डीएम ने बताया कि सुबह पांच बजे पुलिस का एक जवान वहां पहुंचा। शेष चार सुबह 9 बजे दिखायी दिए। उन्होंने बताया कि घोड़ा.खच्चर संचालकों ने भी शिकायत की। उन्होंने कहा कि शटल सेवा में अनियमितता का कारण भी पुलिस की लापरवाही रही। जिलाधिकारी ने साफ कहा कि यात्रा व्यवस्था में लापरवाही किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं की जाएगी। चाहे वह कितनी बड़ा अधिकारी भी क्यों न हो।

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