देहरादून। उत्तराखंड की पांच लोकसभा सीटों में से दो सीटों के फसे होने के चलते कांग्रेस शेष सीटों पर भी नामों की घोषणा नहीं कर पायी है। सूबे की इन पांच मे से दो सीटों पर पेंच फंसे होने के बीव नेताओं के आपसी द्वंद्व को कारण के रूप में देखा जा रहा है। प्रत्याशियों को लेकर कांग्रेसी पदाधिकारी भी कुछ भी कहने से बच रहे है।
चुनावी बिगुल बजने के साथ ही नामांकन का समय भी अंतिम चरण में पहुंच चुका है, लेकिन उत्तराखंड की दो सीटों पर कांग्रेस का पेंच अभी भी फंसा हुआ है। हरिद्वार और नैनीताल सीटों को लेकर फंसे पेंच के चलते अन्य तीन सीटों की घोषणा भी नहीं हो पायी। जबकि भाजपा ने प्रत्याशी घोषणा के साथ ही नामांकन भी शुरू कर दिये हैं। कांग्रेस ने टिहरी से प्रीतम सिंह, गढ़वाल से मनीष खंडूड़ी और अल्मोड़ा से प्रदीप टम्टा के नाम पहले ही फाइनल कर लिये हैं, लेकिन अधिकृत तौर पर घोषणा नहीं की गयी है। बताया जा रहा है कि सभी पांच सीटों की घोषणा एक साथ की जाएगी। तीन सीटों में टिकट पक्का मानते हुए इन नेताओं व इनके समर्थकों की ओर से स्वागत के साथ ही कार्यकर्ता बैठकों को आयेाजित करने की कार्यवाही भी शुरू कर दी है। अभी भी हरिद्वार और नैनीताल का पेंच फंसा हुआ है।
सूत्रों का कहना है कि पूर्व सीएम हरीश रावत नैनीताल से चुनाव लड़ने के इच्छुक हैं जबकि पार्टी उनके बेटे वीरेन्द्र रावत को हरिद्वार से उतार कर नैनीताल से महेन्द्र पाल को टिकट देना चाहती है। इसी बीच राजनीतिक गलियारों में एक खबर तैरती हुई आयी कि रावत को नैनीताल से टिकट फाइनल हो गया है, लेकिन शाम होते-होते यह खबर भी गलत निकली। एक खबर यह भी आयी कि हरिद्वार से सचिन पायलट की माता रमा पायलट को उतारने पर विचार हो रहा है। यह भी र्चचा ही रही। सूबे की इन पांच मे से दो सीटों पर पेंच फंसे होने के बीव नेताओं के आपसी द्वंद्व को कारण के रूप में देखा जा रहा है। प्रत्याशियों को लेकर कांग्रेसी पदाधिकारी भी कुछ भी कहने से बच रहे है।