भराड़ीसैंण। उत्तराखंड विधानसभा का बजट सत्र में इस बार गैरसैंण फिर से मुद्दा बना। स्थायी राजधानी गैरसैंण की मांग को लेकर जहां सदन के बाहर आंदोलनकारियों ने हंगामा काटा, वहीं स्थायी राजधानी गैरसैंण को लेकर विपक्ष के हंगामे और जबरदस्त नारेबाजी के बीच मंगलवार को राज्यपाल डॉ. केके पॉल ने गैरसैंण विधानसभा में अपना पहला अभिभाषण पढ़ा। राज्यपाल का अभिभाषण शुरू होते ही विपक्ष ने सरकार से गैरसैंण के मुद्दे पर अपना रुख साफ करने की मांग की और बेल में आ गए। कुछ देर नारेबाजी के बाद विपक्ष वहीं धरने पर बैठ गया। थोड़ी बाद सभी विपक्षी विधायक वेल में फिर खड़े होकर नारेबाजी करने लगे। इधर राष्ट्रगीत के साथ शुरू हुई विस सत्र राज्यपाल अपना अभिभाषण पढ़ते रहे, वहीं विपक्ष उनके अभिभाषण को अनसुना कर गैरसैंण को लेकर नारेबाजी करता रहा। राज्यपाल ने एक घंटे तक अपने अभिभाषण में प्रदेश सरकार की भावी नीतियों को पेश किया और सरकार की विकास की प्राथमिकताएं प्रस्तुत कीं। राज्यपाल का अभिभाषण खत्म होने तक विपक्ष लगातार बेल में खड़ा रहा। राष्ट्रगान के बाद सदन तीन बजे तक के लिए स्थगित हो गया। स्थगन के बाद विस अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ने राज्यपाल के अभिभाषण का वाचन किया। उसके बाद सदन ने थराली के दिवंगत विधायक मगनलाल शाह को श्रद्धांजलि दी और उनके समाज को योगदान को याद किया। इससे पूर्व जब राज्यपाल हेलीकॉप्टर से भराडीसैंण पहुंचे तो पुलिस व विधानसभा के सुरक्षा बल ने उनका गार्ड ऑफ आनर से स्वागत किया। विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल, मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत, संसदीय कार्यमंत्री प्रकाश पंत आदर के साथ राज्यपाल को सभामंडप तक ले गए। उधर दिवालीखाल में गैरसैंण को राजधानी बनाने की मांग कर रहे आंदोलनकारियों ने रास्ता जाम कर दिया। नतीजतन मंत्रियों व विधायकों की गाड़ियां भी वहीं फंस गई। कई लोग मुश्किल से सदन में पहुंचे। दोपहर में सैकड़ों आंदोलनकारी सदन के पिछले इलाके से सदन के करीब पहुंचे, लेकिन पुलिस ने उन्हें रोक लिया और करीब 500 आंदोलनकारियों को हिरासत में लेने के बाद उन्हें बस से वापस भेज दिया गया।