उत्तराखंड : कांस्टेबल ने DM को दी थाने में बंद करने की चेतावनी

रूद्रप्रयाग/देहरादून (गढ़वाल का विकास न्यूज)। जी हां, यह बात पूरी तरह से सच है। एक कांस्टेबल ने बार-बार प्रलोभन देने की कोशिशों से नाराज होकर जिलाधिकारी को थाने में बंद करने की चेतावनी दे डाली। कांस्टेबल की इस कर्तव्यपरायणता से प्रभावित जिलाधिकारी ने स्वयं उसे सम्मानित करने का निर्णय लिया।
जानकारी के अनुसार केदारनाथ यात्रा के प्रमुख पड़ाव सोनप्रयाग में बैरियर पर तैनात कॉन्स्टेबल मोहन सिंह ने जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल को चेतावनी दे डाली कि वो उन्हें बंद कर देगा। दरअसलए डीएम बार बार कॉन्स्टेबल को प्रलोभन दे रहे थे, लेकिन उसके बाद भी उसने जिलाधिकारी के निजी वाहन को गौरीकुंड ले जाने की अनुमति नहीं दी। जब जिलाधिकारी फिर उससे अनुरोध करने और प्रलोभन देने लगे, लेकिन मोहन सिंह नियम.कायदों पर अड़ा रहा और चेतावनी दी कि रिश्वत देने के अपराध में वह उन्हें बंद करा देगा। सोनप्रयाग थाने में तैनात कांस्टेबल की इस कर्तव्यपरायणता से जिलाधिकारी बेहद प्रभावित हुए और उसे स्वयं सम्मानित करने का निर्णय लिया।
विदित हो कि गत दिवस आम यात्री की तरह जिलाधिकारी वेश बदलकर गौरीकुंड समेत विभिन्न पड़ाव स्थलों के निरीक्षण पर निकले थे। इस बीच रात बारह बजे जब वह निजी वाहन से सोनप्रयाग पुलिस बैरियर के पास पहुंचे तो वहां तैनात कॉन्स्टेबल मोहन सिंह ने उन्हें रोक दिया। कॉन्स्टेबल ने कहा कि आगे निजी वाहन ले जाने की अनुमति नहीं है, लिहाजा उन्हें अपना वाहन वहीं छोड़ना होगा। जिलाधिकारी ने सिपाही मोहन सिंह से काफी अनुरोध किया, यहां तक कि सुविधा शुल्क देने का प्रयास भी किया, लेकिन कॉन्स्टेबल ने जिलाधिकारी के निजी वाहन को गौरीकुंड ले जाने की अनुमति नहीं दी और थाने में बंद करने की चेतावनी दे डाली।
उधर जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल ने कहा कि यात्रा पड़ावों पर यात्रियों का भारी दबाव है। बावजूद इसके कई अधिकारी और कर्मचारी पूरी निष्ठा से अपनी ड्यूटी निभा रहे हैं। कॉन्स्टेबल मोहन सिंह ने भी अपने कर्तव्य का निर्वहन किया है, इसलिए ऐसे पुलिस कर्मी को सम्मान पाने का पूरा हक है। उन्होंने कहा कि मोहन सिंह की कर्तव्यपरायणता को देखते हुए वह स्वयं उसे नकद धनराशि और प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित करेंगे।

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