विभिन्न मुद्दों पर लिया सरकार को आड़े हाथ
देहरादून। उत्तराखंड की त्रिवेंद्र सरकार के जीरो टोलरेंस को को महज जुमला करार देते हुए कांग्रेस ने आबकारी नीति, खनन, मेडिकल फीस बढ़ोतरी के साथ ही सरकार के अन्य कामकाज पर सवाल उठाये हैं। कांग्रेस ने ऐलान किया है कि इन मुद्दों को लेकर सड़क पर उतरेगी।
पत्रकार वार्ता में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने कहा कि एनएच-74 घोटाले की जांच सिमट गयी है और सरकार कुछ अफसरों की गिरफ्तारी से अपनी पीठ ठोंक रही है। उन्होंने कहा कि सरकार का यह कहना कि प्रदेश में लोकायुक्त की जरूरत नहीं है, हास्यास्पद है। प्रवर समिति की अनुशंसा के बाद सरकार को लोकायुक्त बिल पास कर देना चाहिए था। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार भ्रष्टाचार को संरक्षण दे रही है। प्राइवेट मेडिकल कालेजों को फीस बढ़ाने के अधिकार देने को गलत फैसला बताते हुए उन्होंने कहा कि सरकार को चाहिए था कि इसके लिए कमेटी बनाकर निर्णय लिया जाना चाहिए था। इतनी बढ़ी फीस के साथ अब कौन डाक्टर बन पाएगा, यह सोचनीय विषय है। उन्होंने कहा कि सरकार ने आबकारी नीति में माफिया को बढ़ावा देने के लिए कलस्टरों के आधार पर ई टेंडरिंग करने की जो बात कही है, उससे शराब माफिया ही पोषित होने वाला है। कम पैसे वाले लोगों को इस व्यवस्था से पूरी तरह बाहर कर दिया गया है।
प्रीतम ने कहा कि सरकार खनन में ज्यादा राजस्व आने पर अपनी पीठ ठोंक रही है, जबकि हकीकत यह है कि कांग्रेस के शासन में रेता बजरी 50 रुपये कुंतल बिकता था और अब 150 रुपये में बेचा जा रहा है। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष ने बेरोजगारों पर लाठीचार्ज, सहकारिता की समितियों को भंग करने के साथ ही निजी शिक्षण संस्थाओं के साथ बातचीत के बिना नई किताबें लागू करने का फैसला करके अपनी हठधर्मिता दिखायी है। उन्होंने कहा कि निजी संस्थाओं के साथ सरकार को बैठकर तय करना चाहिए था। उन्होने कहा कि हमने सदन में सरकार को इन सभी मुद्दों पर जमकर घेरा और अब कांग्रेस का कार्यकर्ता सड़क पर उतर पर सरकार का विरोध करेगा।