सामान्य शिष्टाचार भी भूल गये है राहुल गांधी : त्रिवेंद्र रावत

दो साल में प्रदेश के ढाई लाख युवाओं को जोड़ा गया रोजगार सेः मुख्यमंत्री
देहरादून। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का उत्तराखंड के प्रति अगाध प्रेम है। यह इससे भी परिलक्षित होता है कि प्रधानमंत्री बनने के बाद श्री मोदी सात बार उत्तराखंड आये। उत्तराखंड के समग्र विकास के लिए उन्होंने न केवल आश्वासन दिये बल्कि उन्हें अमलीजामा भी पहनाया है।
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कांग्रेस अध्यक्ष श्री राहुल गांधी द्वारा हाल ही में देहरादून मंे दिये गये भाषण पर तंज कसते हुए कहा कि लगता है कि श्री राहुल गांधी सामान्य शिष्टाचार भी भूल गये है। उनका देश के प्रधानमंत्री के लिए अपशब्दों का प्रयोग करना तथा आतंकी हाफिज सईद को हाफिज जी कहकर पुकारना उनकी राजनीतिक अपरिपक्वता को दर्शाता है।
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि हमारी सरकार ने दो साल पूरे कर लिए हैं। इस दौरान जहां सरकार ने पारदर्शिता और जवाबदेही तय कर सुशासन के जरिए जनता की समस्याओं को तेजी से हल किया, वहीं विकास की दृष्टि से प्रदेश तेजी से आगे बढ़ रहा है। इन दो सालों में हमने सरकारी नौकरियों, आउटसोर्स, संविदा और प्राइवेट सेक्टर में कुल मिलाकर ढाई लाख युवाओं को रोजगार मुहैया करवाया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जब हमने सत्ता संभाली तब हमारे सामने उत्तराखंड में भ्रष्टाचार एक बड़ी चुनौती रही। इसलिए हमने प्रधानमंत्री मोदी जी के जीरो टॉलरेंस मंत्र को आत्मसात किया है। एनएच-74 घोटाले से लेकर समाज कल्याण विभाग के छात्रवृ्त्ति , सिडकुल समेत कई अन्य विभागों के घोटाले को लेकर सख्त कदम उठाए। ट्रांसफर पोस्टिंग उत्तराखंड में उद्योग की तरह चलता था, हमने ट्रांसफर एक्ट लाकर इस धंधे को बंद किया है। मैं आपको आश्वस्त करना चाहता हूँ कि हमारी सरकार भ्रष्टाचार से कोई समझौता नहीं करेगी। भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई हम सबको मिलकर लड़नी होगी, तभी हम अपने भविष्य को सुरक्षित रख पाएंगे।
सर्वे सन्तु निरामयाः का भाव हमारी संस्कृति में निहित है। मगर पहाड़ों में स्वास्थ्य सुविधाएं हमारे लिए चुनौती थी। हम जानते हैं कि पहाड़ों में आज भी लोगों को उचित इलाज के लिए दर दर भटकना पड़ता है। महिलाओं को गहने तक बेचने पड़ते हैं, किसान जमीन गिरवी रख देते हैं। इन हालातों को हमने नजदीक से देखा है इसलिए प्रधानमंत्री जी की आयुष्मान भारत योजना से प्रेरणा लेकर, वित्तीय संसाधनों की फिक्र किए बिना संपूर्ण प्रदेशवासियों के कल्याण के लिए अटल आयुष्मान उत्तराखंड योजना को लागू किया। इस योजना से प्रदेश के समस्त 23 लाख परिवारों को सालाना पांच लाख रुपए तक निशुल्क इलाज मुहैया करवाया जा रहा है। मुझे खुशी है कि अब तक करीब 14 हजार लोग अटल आयुष्मान योजना से निशुल्क इलाज करवा चुके हैं, जिस पर 13 करोड़ रुपए व्यय हुए हैं। इसी तरह 2160 लोग आयुष्मान भारत का लाभ ले चुके हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि शांत सुरक्षित माहौल, एक मजबूत बुनियादी ढांचा, कुशल मैनपावर, व्यावहारिक नीतिगत फैसले राज्य को आगे बढ़ाने में मदद करते हैं। उत्तराखंड में ये सबकुछ था, लेकिन राजनीतिक इच्छाशक्ति की कमी के चलते ब़डे पैमाने पर निवेश लाने की कोशिश नहीं की गई। इसी को ध्यान में रखते हुए हमने पहली बार इन्वेस्टर्स समिट का सफल आयोजन करवाया जिसमें सवा लाख करोड़ रुपए के एमओयू साइन किए गए। पिछले 17 साल में उत्तराखंड में कुल मिलाकर 40 हजार करोड़ रुपए का निवेश आया था। मुझे खुशी है कि पिछले पांच महीनों में ही हम 13 हजार करोड़ रुपए के प्रोजेक्ट पर काम शुरू कर चुके हैं। इस साल के अंत तक 20 हजार करोड़ के प्रोजेक्ट धरातल पर उतर जाएंगे। इससे रोजगार के बंपर अवसर पैदा होंगे। मैं कह सकता हूँ, एक समृद्ध उत्तराखंड के निर्माण की नींव रखी जा चुकी है।
आज उत्तराखंड में इंफ्रास्ट्रक्चर तेजी से बढ़ रहा है। केंद्र सरकार के सहयोग से रोड़, रेल और एयर कनेक्टिविटी मजबूत हुई है। ये डबल इंजन सरकार का असर है कि उत्तराखंड में आज 12 हजार करोड़ रुपए की ऑल वेदर रोड का प्रोजेक्ट चल रहा है। 12 हजार करोड़ रुपए की भारतमाला परियोजना का काम चल रहा है। 4700 करोड़ रुपए की लागत से प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना पर काम चल रहा है। 16 हजार करोड़ से ऋषिकेश कर्णप्रयाग रेल लाइन पर काम चल रहा है। 4 हजार करोड़ की लखवाड़ बांध पर भी जल्द काम शुरू होगा। 33 हजार करोड़ की लागत की बहुउद्देश्यीय पंचेश्वर बांध की प्रक्रिया भी गतिमान है।

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