देहरादून (गढ़वाल का विकास न्यूज)। राजयोग से जीवन में सच्चा सुख व शांति मिलने की बात कहते हुए राजयोगिनी ब्रह्माकुमारी मंजू बहन ने कहा कि सुख प्राप्ति की कामना करने के साथ ही हमें दुख मिलने के कारणों का ज्ञान होना भी आवश्यक है।
प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय के स्थानीय सेवाकेन्द्र सुभाष नगर देहरादून के सभागार में सत्संग में राजयोगिनी ब्रह्माकुमारी मंजू बहन ने ’जीवन की आशा पूर्ण होने का सुहावना समय’ विषय में कहा कि सभी मनुष्यात्माओं की हमेशा यही आशा रहती है कि जीवन में सदा सुख शान्ति मिले। सुख छोटे बड़े सभी को चाहिए, लेकिन हमें पहले यह ज्ञान होना चाहिए कि दुख मिलने का कारण क्या है। उन्होंने कहा कि परमात्मा ने हमें यह ज्ञान दिया है कि पाँच विकारों में फँसने के कारण कर्मों के बन्धन बनते हैं जो दुख के कारण हैं। उनका कहना था कि सर्वशक्तिमान परमात्मा को चलते फिरते याद करने से पाप कट जायेंगे। परमात्मा रहमदिल हैं दुख से छूटने का उपाय भी वही आकर बताते हैं लेकिन उसके लिए हमें ही पुरूषार्थ करना पड़ेगा।
राजयोगिनी ब्रह्माकुमारी मंजू बहन नेे कहा कि परमात्मा तो पिता, टीचर व गुरू के रूप में आकर वर्सा देते हैं तोे पहले उस पिता का बनना होता है, फिर टीचर से पढ़ना है जिससे भविष्य जन्म-जन्मान्तर सुख की प्रालब्ध बनती है अर्थात जीवनमुक्ति पद की प्राप्ति और वह गुरू रूप में पवित्र बनाए मुक्ति देते हैं। तो इस राज़ को समझ ऐसा पुरूषार्थ करना है। यही समय है पुराना खाता समाप्त कर नई जीवन बनाने का। उन्होंने कहा कि इस समय जितना पुरूषार्थ कर अपनी आत्मा को पवित्र बनायेंगे, उतना ही शुद्ध रिकार्ड भरेंगे अर्थात अपना भाग्य लिखेंगे जो सारा कल्प चलेगा। यह तो ईश्वरीय कायदा बना हुआ है कि मनुष्य सुख के लिए कमाई करता है।
राजयोगिनी ब्रह्माकुमारी मंजू बहन का कहना था कि परमात्मा ही आकर सुख प्राप्ति का सहज उपाय बताते हैं, और यह उपाय है राजयोग, जिससे जीवन में सच्चा सुख शान्ति मिलते हैं। इस अवसर पर अजय, उजला, हार्दिक, अनूप, राजकुमार, पूजा, निर्मला, ज्योत्सना, उषा, प्रियंका, रमा, किरण आदि मुख्य रूप से मौजूद रहे।