परीक्षा को व्यवस्थित, शान्तिपूर्ण और पारदर्शी तरीके से सम्पादित करवाने में सभी गंभीरता से करें कार्य

जिलाधिकारी ने किया परीक्षा केन्द्र व्यवस्थापक और कस्टोडियनों के प्रशिक्षण की कार्यशाला का शुभारम्भ
देहरादून (गढ़वाल का विकास न्यूज)। जिलाधिकारी डाॅ आशीष कुमार श्रीवास्तव द्वारा आईटी पार्क सहस्त्रधारारोड स्थित हिम ज्योति स्कुल में शिक्षा विभाग द्वारा परीषदीय परीक्षा-2020 के सफल सम्पादन के सम्बन्ध में आयोजित परीक्षा केन्द्र व्यवस्थापक और कस्टोडियनों के प्रशिक्षण की कार्यशाला का शुभारम्भ करते हुए उपस्थित सदस्यों को ब्रीफ किया गया।
जिलाधिकारी ने कार्यशाला में प्रतिभाग करने वाले केन्द्र व्यवस्थापकों (प्रधानाचार्य) और कस्टोडियनों (वरिष्ठ प्रवक्ता) को ब्रिफ करते करते कहा कि परीक्षा को व्यवस्थित, शान्तिपूर्ण और पारदर्शी तरीके से सम्पादित करवाने में सभी गंभीरता से कार्य करेंगे। सभी को यह जिम्मेदारी होगी कि परीक्षा पूरी तरह से नकलविहीन तरीके से सम्पादित हो तथा इसकी गोपनीयता हर हाल में बनी रहे। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि यदि कोई कार्मिक परीक्षा के दौरान नकल करवाने और इसकी गोपनीयता भंग करने का दोषी पाया जायेगा उसे किसी भी दशा में बर्दाश्त नही किया जायेगा। उन्होंने केन्द्र व्यवस्थापकों और कस्टोडियनों का मनोबल बढाते हुए कहा कि शिक्षण कार्य कोई नौकरी, पेशा और ड्यूटी न होकर मानवता सेवा करना है इसी कारण शिक्षण कार्य को समाज में सम्मानजनक स्थान प्राप्त है।
उन्होंने कहा कि परीक्षा के दौरान परीषदीय परीक्षा के नियमों के अनुपालन के साथ-साथ प्रजेन्ट आॅफ माइन्ड, काॅमनसेंस और सिन्सियरिटी का भी ध्यान रखें। ऐसा भी ना हो कि व्यावहारिक पक्ष की अनदेखी हो। परीक्षा के दौरान कुछ जरूरी बिन्दुओं पर बारीकी से ध्यान देने की जरूरत है परीक्षा सामग्री समय पर और पूरी उपलब्ध हो, जिसका जिस दिन पेपर है वही सामग्री परीक्षा में हो, समय से परीक्षा प्रारम्भ हो, बच्चों को पूर्व में दी जाने वाली हिदायतें बता दी जाय। केन्द्र पर मोबाईल फोन और किसी अनाधिकृत व्यक्ति का प्रवेश वर्जित हो। परीक्षा का माहोल शांत और बच्चों के लिए तनाव रहित हो, बिना पूर्वागृह के परीक्षा संचालित हो इत्यादि।
जिलाधिकारी ने साफगोई में कहा कि यह बहुत कडव़ी सच्चाई है कि बिना व्यवस्थापक -कस्टोडियन के प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष सहयोग के नकल होना सम्भव ही नही है।  अतः इस बात का ध्यान रखों की नकल कराना न केवल एक अपराध है बल्कि इसमें सहयोग करने से कहीं-न-कहीं हम युवा पीढी के साथ एक तरह से खिलवाड़ करने के भी भागीदार ना बने। शिक्षण कार्य का जो सम्मान है वह बना रहे तथा गुरू शिष्य की सम्मानित परंपरा को बेहतर करने का दायित्व भी शिक्षकों पर ही है।
जिलाधिकारी ने मुख्य शिक्षा अधिकारी को परीक्षा सामग्री को समय से और पूर्ण तरीके से सम्बन्धित केन्द्र को गोपनीय तरीके से सुपुर्द्ध करने और परीक्षा केन्द्र व्यवस्थापक के द्वारा उठाये गये बिन्दुओं पर त्वरित संज्ञान लेते हुए कार्य करने के निर्देश दिये। उन्होंने पुलिस विभाग को संवेदनशील केन्द्रों पर अनिवार्य रूप से पर्याप्त सुरक्षा कर्मी उपलब्ध करवाने और अन्य केन्द्रों पर भी आवश्यकतानुसार सुरक्षाकर्मी उपलब्ध करवाने को कहा।
इस दौरान मुख्य शिक्षा अधिकारी आशा रानी पैन्यूली ने समस्त परीक्षा केन्द्र व्यवस्थापकों और कस्टोडियनों को प्रजेन्टेशन के माध्यम से परीक्षा सम्पादित करने के सभी नियमों व ध्यान देने वाली जरूरी बातों को बताते हुए परीक्षा को नकल विहीन बनाने की बात कही। इस दौरान कार्यशाला में जिला माध्यमिक शिक्षा अधिकारी वाई.एस चैधरी, बेसिक जिला शिक्षाधिकारी राजेन्द्र रावत, सी.ओ क्राइम कमलजीत सिंह, प्रधानाचार्य हिम ज्योति श्रीमती मोनिका सहित कार्यशाला में प्रशिक्षण ले रहे परीक्षा केन्द्र व्यवस्थापक और कस्टोडियन उपस्थित थे।

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